Bihar Mahila Police: राज्य सरकार ने पुलिस बहाली में 35 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है. इसका साफ असर अब दिखने लगा है और वर्तमान में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ कर कुल पुलिस बल का 37 फीसदी यानी करीब 33 हजार हो गयी है. इसके मद्देनजर पुलिस महकमे ने सभी जिलों और बीएमपी (बिहार सशस्त्र बल) की प्रत्येक इकाई में एक-एक क्रेच होम या शिशु गृह खोलने की योजना है. बिहार पुलिस में पहली बार महिला जवानों समेत सभी स्तर के पुलिसकर्मियों के बच्चों की देखभाल के लिए ऐसे शिशु गृह इतने व्यापक स्तर पर खोलने की पहल की जा रही है.
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अंतिम दौर का मंथन चल रहा है. इसके बाद इस नयी व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा. इसके साथ ही सभी जिला इकाइयों और बीएमपी में शिशु गृह खोलने की कवायद शुरू हो जायेगी. दो दिन पहले बतौर प्रयोग ‘नन्हें सितारे’ नामक इस तरह के पहले शिशु गृह की शुरुआत पटना स्थित बीएमपी-5 में की गयी है. इसमें चार महिला सिपाहियों की ड्यूटी शिफ्ट के हिसाब से लगायी गयी है. इससे प्राप्त फीडबैक एवं अनुभवों के आधार पर इसका विस्तार अन्य स्थानों पर किया जायेगा.
देखभाल के लिए शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगायी जायेगी
इस तरह के शिशु गृह में बच्चों के खेलने के साथ ही उनकी प्रारंभिक या शुरुआती शिक्षा से जुड़ी सामग्रियों की भी व्यवस्था रहेगी. बच्चों की देखभाल के लिए कुछ महिला सिपाहियों की ही इसमें शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगायी जायेगी. आने वाले समय में इसमें बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की भी योजना है, लेकिन इस योजना को अमलीजामा सभी स्थानों पर शिशु गृह खोलने के बाद ही पहनाया जायेगा.
इस मामले में एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी. महिला कर्मियों के लिए बच्चों की देखभाल करना भी बड़ी जिम्मेदारी है. इस परेशानी को समझते हुए सभी जिलों और बीएमपी में यह व्यवस्था की जा रही है. ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मी अपने बच्चों को यहां अपनी ड्यूटी समय के दौरान रख सकती हैं. इन शिशु गृह में बच्चों की समुचित देखभाल और उनके खेलने की परस्पर व्यवस्था की गयी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha