Dhanteras kab hai: बिहार में इस बार शनि प्रदोष के साथ धनतेरस मनाया जायेगा. धनतेरस कार्तिक मास के कृष्णपक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस को धन्वन्तरी जयंती के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष यह त्योहार 22 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार को मनाया जायेगा. मान्यता यह है की इस दिन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वन्तरी देव समुन्द्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. जब समुन्द्र का मंथन हुआ था तो अमृत से भरा कलश लेकर निकले थे .यही कारण है की धनतेरस के दिन धातु का वर्तन खरीदने का परम्परा है. दूसरी बात यह है की आज से दीपावली मनाने का पर्व शुरू हो जाती है. इस दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो सूर्यास्त के बाद प्रारंभ हो जाता है. स्थिर लगन में अगर धनतेरस का पूजा की जाये तो लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही धन की प्राप्ति होती है. भगवान धन्वंतरि का जन्म पृथ्वी के रोग के नाश करने के लिए अवतार लिए है.
धनतेरस कार्तिक माह के कृष्णपक्ष के उदयव्यापनी त्रयोदशी को मनाई जाती है ( उदयव्यापनी त्रयोदशी ) का मतलब यह होता है सूर्य उदय त्रयोदशी में हो उसी दिन यह त्योहार मनाया जाता है. निर्णय यह है 23 अक्टूबर 2022 को यह संध्या काल त्रयोदसी तिथि नहीं मिल रहा है, जिसे यह त्योहार 22 अक्टूबर 2022 को ही मनाया जायेगा. सूर्योदय काल में सिर्फ त्रयोदसी मिलेगा. इस दिन दीप दान का विशेष महत्व है .
धनतेरस पूजा मुहूर्त संध्या 07 बजकर 35 मिनट से 08 बजकर 38 मिनट पर संध्या तक
पूजा अवधि 01 घंटा 02 मिनट
प्रदोष काल संध्या काल 06 बजकर 10 मिनट से 08 बजकर 38 मिनट तक
वृषभ काल संध्या काल 07 बजकर 35 मिनट से 09 बजकर 37 मिनट तक
त्रयोदसी तिथि का प्रारंभ 22 अक्टूबर 2022 को 06 बजकर 02 मिनट संध्या काल
त्रयोदसी तिथि समाप्त 23 अक्टूबर 2022 को 06 बजकर 03 मिनट संध्या काल तक
परम्परा यह है की धनतेरस के दिन परिवार के किसी भी सदस्य असमय मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर से बाहर दीपक जलाया जाता है .
माना जाता यह है कि भगवान धन्वंतरि समुंद्र मंथन से निकले तो उनके हाथ में धातु का कलश था. इसलिए इसदिन सोना चांदी पीतल का खरीदारी उत्तम रहता है. धनिया का खरीदारी करे तो धन की कमी नहीं होगा.
-
इस दिन लोहा , स्टील, सीसा अलमुनियम का खरीदारी नहीं करे
-
झाड़ू का खरीदारी का बहुत महत्व है
-
माना जाता है इस दिन झाड़ू खरीदने के धन संपदा बढ़ता है, कारण यह है इस दिन माता लक्ष्मी का आगमन होता है और उनके आगमन के पहले इसी झाड़ू से सफाई किया जाता है.
-
धनतेरस के दिन गाय की पूजा करना बहुत पवित्र माना जाता है. गायों को अवश्य खिलाएं और उन्हें गुड़ के साथ रोटी मिलाकर खिलाए
-
इस दिन कोई नजदीकी में बीमार हो उसको दवा खरीद कर दे ऐसा करने से अपना और परिवार का रोग का नास होगा
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
मो. 8080426594/9545290847