किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि व उद्यान विभाग की ओर से उन्हें विशेष फसल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. मखाना विकास योजना के तहत जिले के लिए 145 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बीज का स्रोत मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा (स्वर्ण वैदेही) रखा गया है. राज्य सरकार द्वारा मखाना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 72,750 रुपये सब्सिडी दी जा रही है.
राज्य में मखाना की उच्च प्रजाति के बीज उत्पादन, उसका प्रत्यक्षण व क्षमतावर्धन के माध्यम से उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से मखाना विकास योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में मखान की उन्नत प्रजाति के बीज की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 97 हजार रुपये की लागत आती है. इस पर किसानों को 75 प्रतिशत यानी अधिकतम 72 हजार 750 रुपये सब्सिडी दी जायेगी. उन्नत बीज के लिए जिले के किसान आवेदन कर सकते हैं.
राज्य सरकार व जिला प्रशासन की ओर से उत्पादन बढ़ाने के लिए मखाना की उन्नत किस्म के बीज व खेती पर अनुदान दिया जा रहा है. इस नई प्रजाति के बीज से राज्य में मखाना उत्पादन में काफी वृद्धि के आसार हैं. बता दें कि प्रदेश में स्वर्ण वैदेही जैसी अधिक उपज वाली किस्मों के कारण इसकी उत्पादकता 16 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 28 टन हो गयी है.
मखान की खेती पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित जिले के किसान उद्यानिकी विभाग के पोर्टल पर पांच से 20 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. मखान की खेती पर सब्सिडी का लाभ लेने वाले किसान हॉर्टिकल्चर डॉट बिहार डॉट गवर्नमेंट डॉट आइएन पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
सहायक निदेशक उद्यान आभा कुमारी बताती हैं कि मखाना विकास योजना के तहत जिले को 145 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला है. इसमें राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है. जिले के किसान पांच से 20 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके पश्चात अनुदान की राशि संबंधित किसानों के खाते में भेज दी जायेगी.