बिहार: गर्मी से क्लास रूम में बेहोश हुईं कई छात्राएं, कुछ को पेट में दर्द, उल्टी-दस्त, स्कूल में मची अफरा-तफरी
बिहार में बढ़ती गर्मी जानलेवा बनती जा रही है. बिहार में पारा 44 डिग्री तक पहुंच चुका है. हीटवेव ने लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर कर दिया है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है. लोगों से तेज धूप में घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है.
सहरसा. बिहार में बढ़ती गर्मी जानलेवा बनती जा रही है. बिहार में पारा 44 डिग्री तक पहुंच चुका है. हीटवेव ने लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर कर दिया है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है. लोगों से तेज धूप में घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है. इसके बावजूद कई जिलों में स्कूल खुले हैं. स्कूल संचालन के समय में बदलाव तो किये गये हैं, बावजूद इसके स्कूली छात्र-छात्राओं को स्कूल में गर्मी झेलनी पड़ रही है. सहरसा में भीषण गर्मी के कारण दर्जनभर से अधिक छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
गर्मी के कारण बेहोश होती रहीं लड़कियां
सहरसा में अत्यधिक गर्मी के वजह से राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय की करीब एक दर्जन से ऊपर छात्राओं की तबीयत अचानक खराब हो गयी. आनन-फानन में प्रधानाचार्य द्वारा सभी छात्रा को सदर अस्पताल में करवाया गया. गुरुवार को छात्राएं अपने-अपने क्लास रूम में पढ़ाई कर रही थीं. अचानक क्लास 6 में पढ़ने वाली छात्रा ताशु प्रिया क्लास रूम में बेहोश होकर गिर गयी. उसके बाद धीरे-धीरे और छात्रा सबकी तबीयत खराब होने लगी. छात्राओं को पेट में दर्द, उल्टी-दस्त और किसी को पेट दर्द की शिकायत होने लगी. इसके बाद आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसमें दो छात्राओं की हालत गंभीर है.
सुबह 8 बजे के बाद गर्मी और हिटवेव दिखाने लगता है असर
राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय+2 के प्राचार्य भूपेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि एक बच्ची नर्वस हुई थी. इसकी जानकारी शिक्षिका द्वारा दी गयी. इसके बाद फ़ौरन बाइक पर बच्ची को बैठाकर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती करवाया गया. वो वहां इलाजरत हैं. इसके अलावे दर्जनभर बच्चियां भी अस्पताल गयीं. यादव ने कहा कि स्कूलों का संचालय मॉर्निंग शिफ्ट में जरूर किया जा रहा है, लेकिन सुबह 8 बजे के बाद गर्मी और हिटवेव अपना असर दिखाने लग रहा है. स्कूल से लौटते वक्त तेज धूप और लू का छात्र-छात्राओं को सामना करना पड़ रहा है.