‍Bihar: फिर बदल गया जमीन की रजिस्ट्री का तरीका, बढ़ेगी परेशानी, जानें नया नियम

‍Bihar: जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने मॉडल डीड के आधार पर तैयार दस्तावेजों की जाे रजिस्ट्री शुरू की है, वह अब जिले में 75 प्रतिशत लागू हो गया है. वहीं, सामान्य दस्तावेजों (कातिब से तैयार) की रजिस्ट्री अब घटकर रोज 20-25 हो गया है. इसके लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2023 8:10 AM
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‍Bihar: जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने मॉडल डीड के आधार पर तैयार दस्तावेजों की जाे रजिस्ट्री शुरू की है, वह अब जिले में 75 प्रतिशत लागू हो गया है. वहीं, सामान्य दस्तावेजों (कातिब से तैयार) की रजिस्ट्री अब घटकर रोज 20-25 हो गया है. इसके लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ता है. लेकिन, मॉडल डीड के आधार पर जमीन के जो क्रेता व विक्रेता अपना दस्तावेज तैयार कराते हैं, उनकी हाथों-हाथ रजिस्ट्री होती है.

सामान्य दस्तावेजों के लिए घटा स्लॉट

सामान्य दस्तावेजों की रजिस्ट्री के स्लॉट की संख्या घटाकर 25 करने से कातिबों में भारी आक्रोश है. कातिबों का कहना है कि विभागीय मनमानी के कारण स्लॉट काे घटाया गया है. ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट में भी परेशानी हो रही है. विभाग एक तरफलाइसेंस देकर कातिबों को ऑफिस में बैठाये हुए है, दूसरी ओर रजिस्ट्री को रोक परेशान कर रहा है. कातिबों ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है. इधर, डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार राकेश कुमार का कहना है कि विभागीय आदेश के अनुसार मॉडल डीड से अधिक से अधिक संख्या में रजिस्ट्री करा जा रयीही है. 75-80 प्रतिशत रजिस्ट्री मॉडल डीड से तैयार दस्तावेजों की हो रही है.

सब रजिस्ट्रार का सरकारी मोबाइल व गाड़ी जब्त, बढ़ी परेशानी

इधर, विभागीय आदेश के बाद जिले के चारों मुफस्सिल सब रजिस्ट्रार (कटरा, पारू, मोतीपुर व सकरा) के सब रजिस्ट्रार का मोबाइल व गाड़ी को जब्त कर लिया गया है. फिलहाल, सरकारी मोबाइल तिरहुत प्रमंडल के सहायक महानिरीक्षक के हवाले कर दिया गया है. यह फैसला विभाग ने मुजफ्फरपुर के अलावा पूरे राज्य के अवर निबंधकों को लेकर लिया है. सरकारी नंबर व मोबाइल जब्त होने से अवर निबंधकों को काफी परेशानी हो रही है. विभागीय कार्यों के लिए उन्हें निजी नंबर देना पड़ रहा है. दूसरी ओर, गाड़ी की सुविधा नहीं होने से भी आने-जाने में काफी परेशानी है. इससे अंदर ही अंदर सब रजिस्ट्रार विभागीय फैसले के खिलाफ गोलबंद होना शुरू हो गये हैं.

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