Bihar में पहले से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करीब 200 बालू घाटों से सभी बालू का खनन 25 दिसंबर, 2022 तक के लिए होगा. इसके लिए बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने राजस्व जमा करने वाले पुराने बंदोबस्तधारियों को बालू खनन की सशर्त अनुमति दी है. ये बंदोबस्तधारी फिलहाल बालू का खनन कर उसका भंडारण करेंगे और निगम की देखरेख में बाजार में बालू की मांग बढ़ने पर जनवरी से इसे बेच सकेंगे. फिलहाल राज्य के 16 जिलों के करीब 350 बालू घाटों से खनन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिली हुई है, लेकिन बंदोबस्तधारियों द्वारा सभी बालू घाटों से खनन नहीं किया जा रहा था.
सूत्रों के अनुसार फिलहाल पहले से करीब 150 बालू घाटों से निगम की देखरेख में पुराने बंदोबस्तधारी बालू का खनन कर रहे हैं. हालांकि, इनके सामने भी यह शर्त रखी गयी है कि ये अपने बालू का केवल 75 फीसदी ही बेचेंगे और 25 फीसदी का भंडारण करके रखेंगे. जरूरत पड़ने पर निगम की देखरेख में इसकी बिक्री होगी. अब निगम की पहल के बाद राज्य के सभी 16 जिले के 350 बालू घाटों से 25 दिसंबर तक के लिए खनन होगा. इन जिलों में पटना, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई, लखीसराय, नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर शामिल हैं.
शर्त का कारण
राज्य में बालू खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुराने बालू घाटों से 25 दिसंबर, 2022 तक बालू खनन की अनुमति दी है. इस दौरान नये डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नये करीब 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती और उनपर सिया से पर्यावरणीय मंजूरी की समय -सीमा भी 25 दिसंबर तय की थी. हालांकि, नये बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया और पर्यावरणीय मंजूरी पूरी नहीं हो सकी है. ऐसे में 26 दिसंबर से फिलहाल पुराने बालू घाटों से बालू खनन बंद होने की संभावना है. इस हाल में बालू की आपूर्ति को सही मात्रा में जारी रखने सहित कीमतों में नियंत्रण के लिए बिहार राज्य खनन निगम ने निर्णय लिया है. हालांकि, 26 दिसंबर से बालू खनन पर लगने वाली रोक से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध की तैयारी राज्य सरकार कर रही है.