चार राज्याें के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए निराशाजनक तो भाजपा के लिए जश्न मनाने का मौका लेकर आया. मध्य प्रदेश में भाजपा ने जीत के साथ सत्ता पर कब्जा बरकरार रखा. जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पास से छीन लिया. इस तरह तीन हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. वहीं तेलंगाना में भी सत्ता पलटी है और कांग्रेस को यहां बहुमत मिला है. वहीं तीन राज्यों में मिली हार के बाद कांग्रेस लगातार जदयू नेताओं के निशाने पर है. जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बाद अब नीतीश कैबिनेट के मंत्री अशोक चौधरी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है. तीन राज्यों में हार की वजह भी उन्होंने बतायी है. वहीं इंडिया गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका को लेकर बयान दिए हैं. सीएम नीतीश कुमार के लिए उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए जो भी योग्यता चाहिए, वो तमाम गुण नीतीश कुमार के अंदर है.
एक न्यूज चैनल पर बात करते हुए बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तीन राज्यों में जो कांग्रेस की हार हुई है वो उनकी खुद की वजह से हुई है. कांग्रेस अपने एरोगेन्स में और ओवर कॉन्फिडेंस में चला गया. अगर कांग्रेस इंडिया गठबंधन को एक करके ये चुनाव लड़ता जिसमें नीतीश कुमार, ममता बनर्जी वगैरह मिलकर प्रचार करते तो स्थितियां बदली होतीं. लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में बड़े भाई की भूमिका में रहने की सोच को लेकर इन्हें साथ नहीं लिया. कांग्रेस ने सोचा होगा कि अपने बलबूते पर जीतकर हम आगे मजबूती से समझौते के लिए आएंगे.
अशोक चौधरी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नीतीश कुमार या किसका चेहरा आगे करना चाहिए ये अधिक जरूरी नहीं है. जरूरी ये है कि इंडिया गठबंधन एकजुट होकर कैसे आगे चले. अगर गठबंधन में 75 बड़े भाई होने लगे तो फिर क्या होगा. ऐसे पार्टी नहीं चलती. वहीं नीतीश कुमार के लिए उन्होंने कहा कि उनके पास हर वो गुण है जो देश के एक प्रधानमंत्री के पास होना चाहिए. अब आगे गठबंधन को तय करना है. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम का चेहरा कौन होगा, इस सवाल को अशोक चौधरी किनारे करते दिखे.
Also Read: ‘ये I-N-D-I-A नहीं, कांग्रेस की हार..’ जदयू-राजद ने गिनाए बड़ी वजह, जानिए क्या लगाए आरोप..
बता दें कि तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली हार के बाद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. जदयू नेता ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस की ये हार है. इंडिया गठबंधन कहीं इस चुनाव में था ही नहीं. कांग्रेस ने समाजवादी नेताओं का साथ नहीं लिया इसलिए उनकी हार हुई. नीतीश कुमार, अखिलेश यादव वगैरह से उन्होंने कैंपेन नहीं कराया और इसका परिणाम भुगतना पड़ा.