Amit Shah Meeting News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में देश में नक्सली हिंसा को लेकर शुक्रवार को समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के प्रतिनिधियों और वरीय अधिकारियों ने भाग लिया. दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में प्रभावित राज्यों में नक्सली हिंसा को रोकने के उपायों पर चर्चा की गयी. नक्सल प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने के उपायों पर भी विचार किया गया. इस बैठक में बिहार की ओर से प्रदेश के वित्त मंत्री विजय चौधरी हिस्सा लेने गए थे. उनके साथ प्रदेश के डीजीपी आएस भट्टी भी बैठक में मौजूद थे. गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सली हिंसा पर रोक लगाने में सफलता मिलने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को इसका श्रेय दिया तो बिहार में नक्सलवाद पर लगाम लगने का क्रेडिट विजय चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया. इस बैठक में बिहार की ओर से गये वित्त मंत्री ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की और केंद्र सरकार को अगाह भी किया.
विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में नक्सली हिंसा पर रोक लगाने में सफलता मिली है और अब यह लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है. सरकार अगले दो साल में इसे पूरी तरह खत्म करने की कोशिश में लगी हुई हैं. अमित शाह ने कहा कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से ही नक्सली हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गयी है. सरकार की कोशिशों के कारण नक्सली हिंसा में कमी आयी है.तो वहीं इस बैठक में शामिल बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रभावकारी नेतृत्व एवं नीतियों का नतीजा है कि बिहार में उग्रवाद की घटनाएं न्यूनतम हैं. बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि इस मामले में बिहार सरकार की उपलब्धि अग्रणी है.
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अमित शाह ने बैठक में बताया कि नक्सली समस्या से होने वाले खतरे से निपटने के लिए वर्ष 2015 से एक ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ पर सरकार काम कर रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों पर सरकार विशेष जोर दे रही है. उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए सरकार ने केंद्रीय सहायता योजना के तहत 1400 योजना की शुरुआत की गयी है.वहीं बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 2021 के सितंबर में हुई पिछली बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिन मुद्दों को उठाया था, उसमें किसी पर भी अमल नहीं किया गया. विजय चौधरी ने बैठक में केंद्र सरकार से एसआरइ एवं एसआइएस योजनाओं को केंद्र प्रायोजित योजना की जगह केंद्रीय योजना बनाने की मांग की.
वहीं गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली इस बैठक में बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जिन इलाकों में उग्रवादी गतिविधियां रुक भी गयी हैं, वहां सुरक्षा बलों की तैनाती अगले पांच वर्षों तक रखी जाये. अन्यथा ऐसी गतिविधियों के फिर से पनपने की आशंका हो सकती है. उन्होंने कहा कि केवल नक्सलवाद मुक्त भारत घोषित करने की हड़बड़ी में सुरक्षा बलों को बिना राज्य सरकार की सहमति के वापस नहीं बुला लिया जाये.
गौरतलब है कि बिहार में नक्सली क्षेत्रों की स्थिति अब बहुत हद तक सुधर रही है. आए दिन बड़े और दुर्दांत नक्सलियों को पकड़ा जा रहा है. वहीं नक्सलियों के खिलाफ अभियान अभी भी जारी है. नक्सलियों ने अभी भी पूरी तरह से हथियार नहीं डाले हैं. गया में हाल में ही जमीन के अंदर से विस्फोटक बरामद किए गए. जिससे सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की पूरी तैयारी थी. वहीं कुछ हार्डकोर नक्सलियों के समर्पण ने नक्सलवाद की रीढ़ को क्षतिग्रस्त किया है. नक्सल प्रभावित कई क्षेत्रों में विकास कार्य पहुंचा तो क्षेत्र के लोगों की उद्धार देखा जा रहा है. जहां पहले नक्सलियों के भय से लोग नहीं पहुंचते थे वहां अब पर्यटक पहुंच रहे हैं.