अनुपम कुमार, पटना. एक से 16 सितंबर तक पटना डीटीओ में 596 लोगों ने स्थायी लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट दिया. इनमें केवल 320 अभ्यर्थी पास कर सके और 276 फेल कर गये. फेल करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कुल अभ्यर्थियों की 46% थी. इतनी बड़ी संख्या में ड्राइविंग टेस्ट में अभ्यर्थियों के फेल होने की वजह नया टेस्टिंग ट्रैक है.
पहले मैनुअल टेस्ट में लोग हल्की गलती करने के बावजूद पास हो जाते थे क्योंकि उनकी गलतियां पकड़ी नहीं जाती थी. लेकिन अब नये टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन के हरेक मूवमेंट को कैमरे और ऑटो सेंसर कैच करते हैं और कंट्रोल रुम में बैठे व्यक्ति को वाहन चला रहे व्यक्ति की छोटी से छोटी भूल भी पकड़ में आ जाती है.
मैनुअल जांच में बाइक सवार को केवल एक बार आठ की आकृति बनानी पड़ती थी. पर नये टेस्टिंग ट्रैक पर डबल आठ बनाना पड़ता है. यदि वे पैर का हल्का भी सहारा लेने का प्रयास करते हैं तो तुरंत ऑटो सेंसर में रजिस्टर्ड हो जाता है. अक्सर लोग रेड लाइट और जेब्रा क्रॉसिंग पर गाड़ी को रोकना भूल जाते हैं. बैक करने में गलती करते हैं और डीएल टेस्ट में फेल कर जाते हैं.
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लर्निंग(लाइट मोटर व्हेकिल) 740
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स्थायी(लाइट मोटर व्हेकिल) 2300
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लर्निंग(बाइक) 420
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स्थायी(बाइक) 1350
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लर्निंग(मोटर कार) 420
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स्थायी(मोटर कार) 1400
एक से 16 सितंबर के बीच 3019 लर्निंग अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन सिंबल टेस्ट दिया. इसमें 2923 पास और 96 फेल हुए. यानी पहली बार में 97% पास और तीन फीसदी फेल हुए. वहीं दूसरी बार में 105 अभ्यर्थी ऑनलाइन सिंबल टेस्ट में शामिल हुए. 83 पास और 22 फेल हुए. दूसरी बार में 79% चालक पास और 21% चालक फेल रहे.
Posted by Ashish Jha