तीन बच्चों की हत्या मामले में सजा सुनते ही दोषी मां बोली- हुजूर, मैंने अपने बेटों को नहीं मारा
वर्ष 2018 में अपने तीन बच्चों को दिया था जहर, कोर्ट ने लगाया 10 हजार का अर्थदंड, नहीं देने पर एक माह की सजा
गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में तीन बच्चों को जहर देकर मार डालने की आरोपी मां को अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट ने लापरवाही के लिए दोषी पाते हुए दो वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये की अर्थदंड लगाया है. राशि नहीं जमा करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा सुनायी है. सजा होने के बाद आरोपित महिला ने कोर्ट से कहा, हुजूर हमें फांसी भी मिल जाये तो कोई गम नहीं. मैंने अपने बच्चों को नहीं मारा, अब जीकर भी क्या करूंगी. जब बच्चे ही नहीं.
महिला ने कहा कि घटना के दौरान मैं खेतों में काम कर रही थी. जब सूचना मिली तो पहुंची. घर में पहले से चूहा मारने की दवा रखी जरूर थी, लेकिन घटना के दौरान घर में कोई नहीं था. कोर्ट ने पुलिस के जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने महिला की सौतन कुसुमावती देवी व पति शारदानंद सिंह को अभियुक्त बनाकर जांच क्यों नहीं किया.
क्या है घटना
बता दें कि भोरे थाना क्षेत्र के तिलक डूमर गांव में 18 मार्च 2018 को शारदानंद सिंह की पत्नी ममता देवी ने आपसी विवाद को लेकर अपने ही तीन बच्चों रणविजय कुमार (5 वर्ष), सुलोचना कुमारी (4 वर्ष) और दिग्विजय कुमार (ढाई वर्ष) को पति के बाहर जाते ही खाने में जहर मिला कर देने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पुलिस ने ममता देवी को उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले में भोरे थाने में शारदानंद सिंह के बयान पर ममता देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
18 मार्च 2018 से जेल में बंद थी आरोपी महिला
एडीजे पांच विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी अनिल कुमार शर्मा और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बिपिन बिहारी श्रीवास्तव ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की. कोर्ट से सजा मिलने के बाद महिला की आंखों से आंसू थम नहीं रहा था. महिला 18 मार्च 2018 से ही जेल में बंद थी. उसकी सजा भी अगले माह पूरी हो जायेगी. ममता के सामने पहाड़ सी जिंदगी किसके सहारे कटेगी. यह कलंक लेकर कैसे जियेगी.