Bihar Municipal Corporation Election: साहेब के फैसले से माथा थाम बैठे नेताजी…
Bihar Municipal Corporation Election पर तलवार लटक गयी है. पटना हाईकोर्ट के आदेश से बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा गयी है. फैसले से एक तरफ जहां राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गयी है. वहीं दूसरी तरफ चुनाव की तैयारी में अपना सब कुछ झोंक चुके नेताओं की मुसीबत बढ़ गयी है.
Bihar Municipal Corporation Election पर तलवार लटक गयी है. पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के आदेश से बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा गयी है. कोर्ट के फैसले से राजनीति एक बार फिर गर्म हो गयी है. विपक्ष राज्य सरकार पर तीखा हमला कर रहा है. वहीं सरकार की तरफ से आरक्षण के मुद्दे पर पहले भी कई बार प्रतिक्रिया दी जा चुकी है. मगर इन सब के बीच मेयर से लेकर पार्षद तक के चुनाव के लिए कमर कस चुके प्रत्याशी निराशा में डूब गए हैं. चुनाव की तैयारी में अपना सब कुछ झोंक चूके नेताओं के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गयी है.
एप से लेकर सोशल मीडिया तक मैनेज कर रहा था परिवार
बिहार के 224 नगर निकाय में 4875 वार्ड के लिए चुनावी कार्यक्रम होना था. चुनाव दो फेज में होने था. इसकी तैयारी में अकेले नेताजी नहीं लगे थे. बल्कि उनका परिवार भी लगा था. कोई एप बनाकर युवाओं को टार्गेट कर रहा था. जबकि परिवार के अन्य लोग सोशल मीडिया मैनेज करने में जुटे थे. फैसले से घरवालों का उत्साह भी ठंडा पर गया है. कई नेताओं ने नवरात्र में जीत की अभिलाषा से माता की भव्य पूजा का आयोजन किया था. इसमें माता के प्रसाद के नाम पर पिछले 9 दिनों से भंडारा चल रहा था. नेताजी , प्रसार में शामिल होने के लिए युवाओं को भरपेट हांडी मीट के साथ पेट्रोल का कांबो ऑफर दे रहे थे. ऐसे में उनके चेहरे पर भी निराशा दिख रही है.
ट्रैवल एजेंसी और प्रचार सामग्री बनाने वाले परेशान
नगर निगम चुनाव में मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने जनता में अपना भौकाल बनाने के लिए थार और एसयूवी जैसी गाड़ियां ली थी. ट्रैवल एजेंसी से चुनाव तक भारी-भरकम चार पहिया को बुक कराया था. अब सारी गाड़ियों की बुकिंग एक साथ कैंसिल हो गयी है. इसके साथ ही, चुनाव प्रचार की सामग्री छापने वाली एजेंसियों की भी परेशानी बढ़ गयी है. चुनाव रद्द होने की सूचना के बाद एजेंसियां नेताओं से बकाया मांग रही हैं. वहीं नेता जी अभी कन्नी काट रहे हैं.