मधेपुरा. जिले में निकाय चुनाव की तैयारी भी तेज हो गयी है तथा संभावित प्रत्याशियों की कवायद भी. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में नगर निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी गयी है. आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए कोषांगों का गठन करने के साथ-साथ, नगर निकाय चुनाव के लिए वाहनों की उलब्धता, कर्मियों की संख्या समेत अन्य सभी तैयारियों को समय से पूरा कर लेने का निर्देश दिया है, जिसका गठन भी जिले में कर दिया गया है.
आयोग के निर्देशानुसार जिले में सभी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. ज्ञात हो कि नगर परिषद और नगर पंचायत के लिए वार्ड का आरक्षण रोस्टर जारी कर दिये जाने के बाद भावी प्रत्याशी भी जनसंपर्क और बैनर पोस्टर के माध्यम से मतदाताओं को रिझाने में लग गये है. जानकारी के अनुसार सात दिनों के अंदर चुनाव की घोषणा कर दी जायेगी.
नगर परिषद और नगर पंचायत के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के आरक्षण पर संशय फिलवक्त बरकरार है. इन पदों पर आरक्षण का अनुमोदन चुनाव आयोग के द्वारा नहीं किया गया है. इस वजह से भावी उम्मीदवार असमंजस की स्थिति में है. उनका कहना है कि सीट आरक्षित होने की स्थिति में नये जगहों की तलाश की जायेगी. हालांकि चौक-चौराहे पर आरक्षण को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. सभी अपने हिसाब से पदों के आरक्षण को लेकर ज्ञान बांट रहे है.
नगर निकाय चुनाव दो चरणों में संपन्न कराये जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. हालांकि इस पर अभी तक अधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हुई है. शहर में चर्चा है कि विभाग 10 और 20 अक्तूबर को मतदान की तिथि घोषित कर सकती है.
नगर पालिका अधिनियम, 2007 के तहत निर्धारित चुनाव खर्च की सीमा के अनुसार ही कोई भी उम्मीदवार अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव के दौरान खर्च कर सकेंगे. इस अधिनियम के तहत नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये अधिकतम खर्च कर सकेंगे.