बिहार नगरपालिका चुनाव टालने के पक्ष में नहीं है आयोग, पटना हाइकोर्ट ने फैसला रखा है सुरक्षित
पटना हाइकोर्ट ने संकेत दिया था कि आयोग चाहे तो पहले चरण के मतदान की तिथि को आगे बढ़ा सकता है. हालांकि आयोग पहले और दूसरे चरण के मतदान को रोकने के पक्ष में नहीं है.
पटना. नगरपालिका आम चुनाव 2022 में ओबीसी आरक्षण का मामला पेचीदा बनता जा रहा है. इसको लेकर पटना हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट ने संकेत दिया था कि आयोग चाहे तो पहले चरण के मतदान की तिथि को आगे बढ़ा सकता है. हालांकि आयोग पहले और दूसरे चरण के मतदान को रोकने के पक्ष में नहीं है.
निर्वाचन पदाधिकारी को एक पत्र जारी किया है
आयोग ने बीच का रास्ता निकालते हुए सभी जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) को एक पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि पहले चरण का मतदान जो 10 अक्तूबर को कराया जाना है. निर्वाची पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वे सभी संबंधित पक्षों को सूचित कर दें. साथ ही सभी प्रत्याशियों को भी इससे अवगत करा दें.
ओबीसी आरक्षण का प्रावधान किया गया है
नगरपालिका आम चुनाव में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में तीनों पदों में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर यह फैसला दिया है कि इसको लेकर एक नया आयोग गठित किया जाये. आयोग द्वारा राज्य में ओबीसी जातियों का तीन जांच कराकर निकायवार आरक्षण का प्रावधान किया जाये.
‘चुनाव को फिलहाल नहीं टाला जायेगा’
इधर राज्य में पुराने पैटर्न के आधार पर ही नगरपालिका में आरक्षण का प्रावधान कर चुनाव कराया जा रहा है. इसे देखते हुए आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव को फिलहाल नहीं टाला जायेगा और कोर्ट का जो भी आदेश आयेगा उसके अनुसार काम किया जायेगा.
गोपालगंज और मोकामा सीट पर बजा उपचुनाव का बिगुल
वहीं, बता दें कि बिहार समेत 6 राज्यों में उपचुनाव का एलान निर्वाचन आयोग की ओर से कर दिया गया है. बिहार के गोपालगंज और मोकामा सीट पर चुनाव का बिगुल बजा है. चुनाव आयोग ने नामांकन से लेकर मतगणना तक की तिथि जारी कर दी है. 3 नवंबर को दोनों सीटों पर वोट डाले जाएंगे जबकि 6 नवंबर को मतगणना होगी और परिणाम सामने आएगा.