सीवान. राज्य समेत जिले के नगर निकायों के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. दशहरा के बाद और दीपावली से पूर्व चुनाव होने की संभावनाओं पर जिला पंचायती राज सह अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिप, राजकुमार गुप्ता का कहना है अब तक जिला प्रशासन के पास नोटिफिकेशन नहीं पहुंचा है, जब तक नोटिफिकेशन नहीं आ जाता नगर निकाय चुनावों की तारीखों और चरणों के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
पदाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा विधिवत घोषणा के साथ ही चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच जायेगी. अभी चुनाव से पूर्व की तैयारियां की जा रही हैं. उल्लेखनीय है कि संभावित दो चरणों में चुनाव होने की खबरें आने के बाद लोगों की उत्सुकता बढ़ गयी है. हालांकि जिला प्रशासन के पास जब तक विधिवत पत्र नहीं पहुंचा है जिससे इस बारे में वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
जिले के आठ नगर पंचायतों और एक नगर पर्षद के लिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदों का चुनाव होना है. इसके लिए इवीएम का प्रयोग किया जायेगा. बता दें कि आंदर में 11, मैरवा में 13, गुठनी में 15, गोपालपुर में 10, बसंतपुर में 11, महाराजगंज में 14, बड़हरिया में 13, हसनपुरा में 19 और सीवान नगर परिषद में 45 वार्डों में तीन पदों के लिए चुनाव होंगे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार 151 वार्डों के लिए संभावित बूथों की संख्या 350 हो सकती है. हालांकि अभी यह अंतिम आंकड़ा नहीं है क्योंकि अंतिम सूची का प्रकाशन कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है. इन सभी नगर निकायों के वार्डों का निर्धारण, नक्शा प्रकाशन, अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कार्य पूर्ण हो चुके हैं. चुनाव प्रक्रिया के अगले चरण की तैयारी के लिए पंचायती राज विभाग कार्य कर रहा है. आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, अस्पतालों समेत अन्य सरकारी स्थलों की तलाश संभावित बूथ निर्धारण के लिए किया जा रहा है.
सीवान. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए गए वार्डवार आरक्षण रोस्टर में इस बार शहरी इलाकों की अनारक्षित वर्ग की महिलाओं को प्रतिनिधित्व के बेहतर अवसर मिल सकते हैं. अनारक्षित महिला वर्ग में वे महिलाएं शामिल हैं जिसके लिए केवल महिला होना ही पर्याप्त योग्यता है. इसमें अनुसूचित, अतिपिछड़ा, पिछड़ा एवं सामान्य सभी वर्गों की महिलाएं शामिल होंगी. इससे महिला समाज को लाभ मिलेगा. किसी भी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से उस क्षेत्र में कुछ कार्य की प्रगति दिखती है. सरकारी नीति में ही महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के सिद्धांत का पालन किया गया है जिसका सकारात्मक असर समाज पर भी पड़ा है.