पटना. बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर तारीखों का एलान कर दिया गया है. राज्य के सबसे बड़े निकाय पटना नगर निगम क्षेत्र के महापौर पद पर सबकी नजर है. इस बार मेयर पद पर चुनाव न केवल जनता के वोट से होगा, बल्कि इस बार यह पद आरक्षित कोटे में चला गया है. पटना मेयर का पद महिलाओ के लिए आरक्षित कर दिया गया है. ऐसे में चुनाव से पहले ही करीब दर्जन पुरुष उम्मीदवार रेस से बाहर हो गये हैं. पुरुषों को उम्मीद थी कि इस बार मेयर पद ओपन होगा, लेकिन आरक्षित होने के बाद वे लोग चुनावी रेस से ही बाहर हो गये.
अब डिप्टी मेयर के पद को लेकर भी चर्चा है कि उसे भी आरक्षित किया जा सकता है. पटना नगर निगम क्षेत्र में महापौर का पद इस बार भी पुरुष को नहीं मिल पायेगा. महापौर का चुनाव लड़ने के लिए करीब एक दर्जन पुरुष उम्मीदवार तैयारी कर रहे थे. अब उनका सपना चुनाव से पहले ही टूट गया. पटना नगर निगम क्षेत्र में इस बार महापौर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है.
पुरुष उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि आरक्षण का रोस्टर इस बार बदलेगा. इसी उम्मीद पर पुरुष प्रत्याशी चुनाव की तैयारी बहुत जोरशोर से कर रहे थे. राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 2 बार के लिए आरक्षण रोस्टर बनाया गया है. पटना नगर निगम क्षेत्र में आरक्षण रोस्टर में बदलाव के बाद सिर्फ एक बार चुनाव हुआ है. ऐसे में इस बार रोस्टर बदलने का कोई विचार नहीं है.
जनता दल यूनाइटेड के कमल नोपानी को उम्मीद थी कि इस बार महापौर के आरक्षण रोस्टर में बदलाव होगा. वो चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. जदयू के बिट्टू सिंह भी रेस में शामिल थे. कई और राजनेता महापौर बनने की रेस में आगे चल रहे थे. मौर्या लोक शॉप एसोसिएशन के राजेश कुमार उर्फ डब्लू भी चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद इन जैसे भावी प्रत्याशियों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं.
मेयर पद के लिए महिला उम्मीदवार में अब तक निवर्तमान महापौर सीता साहू के अलावा उपमहापौर रजनी ने देवी भी चुनाव लड़ने का मन बनाया है. इन दोनों के अलावा कुछ और महिलाओं के नामों की चर्चा चल रही है. चुनाव में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद अब उन महिलाओं के भी आगे आने की संभावना जिनके पति चुनाव में उम्मीदवार बनने की तैयारी कर रहे थे. सितंबर में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दूसरी तरफ उपमहापौर पद की दौड़ में अब तक कोई उम्मीदवार आगे नहीं दिख रहा है. सबकी निगाहें महापौर के पर टिकी हुई हैं.
बिहार में 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी पद्धति के अनुसार ही इस बार भी चुनाव होगा. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी प्रमंडलीय आयुक्त के साथ ही सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी को इस बारे में पत्र जारी कर दिया गया है. इस बार जनता सीधा महापौर का चुनाव करेगी. ऐसे में जनता इस बार दो मतपत्रों का इस्तेमाल करेगी. एक वार्ड पार्षद और एक महापौर के लिए.