बिहार: ईंधन के बदले नगद लेने पर सिपाही के खिलाफ कार्रवाई, रेल एसपी ने किया निलंबित
मुजफ्फरपुर जिले में ईंधन के बदले नकदी लेने के मामले में रेल पुलिस के सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई. रेल एसपी डॉ कुमार आशीष ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है.
मुजफ्फरपुर जिले में ईंधन के बदले नकदी लेने के मामले में रेल पुलिस के सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई. रेल एसपी डॉ कुमार आशीष ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है. इसके अलावा तत्कालीन प्रचारी प्रभारी दारोगा सुनील कुमार से सिपाही संतोष की गलती छिपाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. रेल एसपी डॉ कुमार आशीष ने बताया कि रेल पुलिस केंद्र मुजफ्फरपुर के परिचारी ने सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ ईंधन के बदले नकदी लेने को लेकर रिपोर्ट की थी. इसकी जांच उन्होंने रेल डीएसपी मुख्यालय एक से करायी. इसमें वह दोषी पाया गया. इसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
फर्जी दस्तखत कर उठाया राशि
रेल एसपी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि संतोष कुमार रेल पुलिस केंद्र के परिवहन शाखा में तैनात नहीं था. इसके बावजूद वह तत्कालीन परिचारी प्रभारी दारोगा सुनील कुमार के मौखिक रूप से कहने मात्र से वहां काम कर रहा था. इसे लेकर किसी वरीय अधिकारी की अनुमति नहीं दी गयी थी. संतोष परिवहन शाखा में कार्यरत था. इस दौरान वह डीजल प्राप्त करने वाले कूपन पर वर्तमान परिचारी और डीजल प्राप्तकर्ता का फर्जी दस्तख्त कर दो कूपन से करीब 170 लीटर डीजल के समतुल्य राशि 16 हजार 99 रुपये नकदी लक्ष्मी चौक स्थित एक पेट्रोल पंप के नोजलमैन के मिली भगत से ले लिया.
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क्रेडिट रजिस्टर से भी रुपये लेने की पुष्टि
रेल एसपी ने बताया कि उक्त मामले के संबंध में जब वर्तमान परिवहन परिचारी राहुल कुमार द्वारा जांच कर मामले को उजागर किया गया तो तत्कालीन प्रभारी परिचारी दारोगा सुनील कुमार सिंह द्वारा व्यक्तिगत पहल कर सिपाही संतोष कुमार से कुल 16099 रुपया पेट्रोलपंप के पास जमा कराकर क्रेडिट रजिस्टर से उक्त बकाया राशि को क्रेडिट रजिस्टर पर पेड (भुगतान) लिखवा कर कटवा दिया. इसकी पुष्टि क्रेडिट रजिस्टर से भी हुई है. जो एक पुलिसकर्मी होते हुये सिपाही संतोष कुमार द्वारा स्वयं के आर्थिक लाभ के लिए फर्जी तरीके से सरकारी राशि का गबन कर लिया गया एवं मामला उजागर होने पर फिर उस राशि का भुगतान कर दिया गया.
Published By: Sakshi Shiva