देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर
स्मार्ट सिटी का आकार ले रहे मुजफ्फरपुर में भी अब बहुमंजिली इमारतें नजर आयेंगी. दो साल के भीतर राजधानी पटना के बाद बड़ी तेजी से शहर व इससे सटे इलाके (पेरिफेरल एरिया) में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण शुरू हुआ है. अब तक नगर निगम से अधिकतम जी प्लस 04 व 05 तक के भवनों का नक्शा पास होता रहा है. लेकिन, एक साल के भीतर जी-प्लस 06, 07 के कई बड़े कॉमर्शियल व आवासीय बिल्डिंगों का नक्शा नगर निगम ने स्वीकृत किया है. अभी बेला-कन्हौली इलाके से एक कमर्शियल एवं आवासीय बिल्डिंग का नक्शा स्वीकृत करने के लिए आया है, वह जी प्लस 10 (दस मंजिला) होगा. हालांकि, इसकी प्रक्रिया अभी शुरुआती स्टेज में ही है. बताया जाता है कि बिल्डर को पहले श्रम संसाधन विभाग में लेबर सेस (भवन निर्माण की लागत राशि का एक फीसदी ) की राशि जमा करने को कहा गया है. इसके बाद नगर निगम में नक्शा स्वीकृति के लिए आगे की कार्रवाई होगी.
बीते साल बिल्डिंग बायलॉज के नियमों में संशोधन करते हुए सरकार ने कैबिनेट से पास कराया. इसमें बिहार भवन उपविधि 2014 में संशोधन किया गया था. इसके बाद शहरी जरूरत के अनुसार कम क्षेत्रफल में भी ऊंची इमारत बनाने के लिए नक्शा की मंजूरी मिलने लगी है. नए प्रावधान के तहत, अब 40 फुट या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर बहुमंजिला भवन बनाने के लिए ऊंचाई का कोई प्रतिबंध नहीं है. पहले 40 फीट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 24 मीटर ऊंचे भवन निर्माण की अनुमति थी. वहीं, 60 फुट से चौड़ी सड़क पर ऊंचाई का कोई प्रतिबंध नहीं था. नए प्रावधान के बाद अब 30 फुट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 22 मीटर ऊंचाई वाले जी प्लस 06 भवन का निर्माण किया जा सकेगा. इसी तरह 25 फुट चौड़ी सड़क पर अब अधिकतम 16 मीटर की ऊंचाई वाले जी प्लस फोर भवन के निर्माण की अनुमति होगी.
नए प्रावधान के बाद 19 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवनों के लिए ग्राउंड कवरेज अधिकतम 40 प्रतिशत रखा गया है. इसका मकसद बहुमंजिला भवन के निर्माण के क्रम में निर्माण परिसर में खुली जगह में वृद्धि लाना और ग्रीन एरिया को बढ़ावा देना है. इसके अलावा नये बायलॉज में अपार्टमेंट प्राधिकार, फर्श क्षेत्र अनुपात, मिश्रित भूमि उपयोग, रजिस्ट्रीकृत वास्तुविद, बिल्डर्स, अभियंता, सर्विस फ्लोर आदि बिंदुओं में संशोधन किए गए हैं. इसके अलावा बिल्डिंग एनवेलप, भूमि व परिसरों का मुख्य उपयोग, केबिन, लिफ्ट, लाबी, लेआउट साइट प्लान आदि को जोड़ा गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
स्वाभाविक है कि स्मार्ट सिटी बनने के बाद मुजफ्फरपुर हर क्षेत्र में आगे बढ़ेगा. बहुमंजिली इमारतों का निर्माण की मंजूरी सड़क की चौड़ाई के अनुसार स्वीकृत की जाएगी. ऊंची इमारतों की नक्शा स्वीकृति से पहले हर बिंदुओं की गहराई से जांच-पड़ताल कराई जा रही है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहले से बने ऊंचे भवनों का सर्वे का कार्य भी शुरू कराया गया है.
नवीन कुमार, नगर आयुक्त