मुजफ्फरपुर : बिहार की एक अदालत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ बुधवार को एक याचिका दायर की गयी, जिसमें उनपर फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर की ‘‘कालाबाजारी” पर लगाम कसने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है. गौर हो कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर की मांग बढ़ गयी है. सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत के समक्ष याचिका दायर की जहां इसे 30 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
अदालत में दायर अपनी याचिका में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने समाचार चैनलों की खबरों का हवाला दिया है, जिनमें इन दोनों चीजों की आपूर्ति कम होने और बिक्री मूल्य से दस गुना अधिक कीमतों पर इनको बेचे जाने का दावा किया गया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इन चीजों की कालाबाजारी को रोकने में बिल्कुल विफल रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वे इसे बढ़ावा दे रहे हैं. याचिकाकर्ता ने अदालत से पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की है.
गौर हो कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में भरोसा दिलाते हुए कहा था कि बहुत जल्द कोरोना का इलाज मिल जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की टीम कोरोना का इलाज खोजने के काम में जुटी हुई है. डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत सरकार डब्ल्यूएचओ के साथ दुनिया भर के उन देशों से संपर्क में हैं, जहां वैज्ञानिक कोरोना के इलाज पर अनुसंधान कर रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने साथ ही कहा था कि देश भर में करीब एक हजार लोगों को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की मदद से बेहतर सुविधाएं और जांच पड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि दिल्ली में अपवाद हो सकता है. शिकायत मिलने पर तत्काल सेंटर में संबंधित अधिकारियों को भेजा गया. डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अब सेंटर में फाइव स्टार सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है. उन्होंने सांसदों से सेंटर में जाकर फीडबैक के साथ सहयोग करने की अपील की.