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Bihar: नौवीं से 12वीं तक 1300 नामांकन, क्लास में मिले 12 बच्चे, जांच में अधिकारी पहुंचे तो गुरुजी बोले…

स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति में सुधार नहीं है. डीइओ अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को सरैया प्रखंड के दो विद्यालयों का निरीक्षण किया, जहां बेहद खराब स्थिति देखकर नाराजगी जतायी.

स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति में सुधार नहीं है. डीइओ अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को सरैया प्रखंड के दो विद्यालयों का निरीक्षण किया, जहां बेहद खराब स्थिति देखकर नाराजगी जतायी. बच्चों की कम उपस्थिति पर डीइओ ने संबंधित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है. कहा कि स्थिति नहीं सुधरी, तो प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जायेगी. हालांकि शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में पढ़ाई होती है. मगर फिर भी बच्चे नहीं आते हैं. ऐसे में शिक्षक अभिभावकों को प्रेरित करने के अलावा क्या कर सकते हैं.

स्कूल में आराम कर रहे थे शिक्षक

डीइओ जगत सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय मानिकपुर पहुंचे, तो विद्यालय में केवल 12 बच्चे थे. कुछ शिक्षक छुट्टी पर थे. निरीक्षण के दौरान हेडमास्टर व एक शिक्षक एडमिशन में लगे थे. एक शिक्षक 12 बच्चों को बैठाकर पढ़ा रहे थे. वहीं, अन्य शिक्षक कमरे में बैठकर आपस में बातें कर रहे थे. विद्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक यहां नौवीं से 12वीं तक करीब 1300 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है. ऐसे में केवल 12 बच्चों की उपस्थिति बड़ा सवाल खड़ा करती है. डीइओ ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. डीइओ ने पास में ही स्थित प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय सरैया का भी निरीक्षण किया. यहां 1178 छात्राओं का नामांकन है, लेकिन विद्यालय में 43 छात्राएं उपस्थित थीं. 10 शिक्षक हैं, जिसमें आठ उपस्थित थे. छात्राएं क्लास रूम में पढ़ रही थीं. डीइओ ने कहा कि दोनों विद्यालयों में कम उपस्थिति चिंताजनक है. इस संबंध में प्रधानाध्यापकों से जवाब मांगा गया है.

इलाके के ज्यादातर स्कूलों का यही हाल

इलाके में ज्यादातर स्कूलों का यही हाल है. स्कूल में बच्चों का नामांकन है मगर बच्चे नहीं आते है. एक अभिभावक ने बताया कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई अच्छी नहीं होती है. ऐसे में बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है. मगर सरकारी स्कूल में कई योजनाओं का लाभ मिलता है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों का नाम सरकारी के साथ में प्राइवेट स्कूल में भी लिखवाते हैं. इससे बच्चों को शिक्षा के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहता है.

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