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सज रहे हैं लाइटिंग से देवी के दरबार, रात में देखने को मिल रहा है अद्भुत नजारा
इस बार नवरात्र में बड़ी संख्या में युवा मां दुर्गा की उपासना में लीन हैं. वे दिन भर निर्जला व्रत रख कर शाम में फलाहार कर रहे हैं. युवाओं की भक्तिभाव के कारण कई घरों में पूरा परिवार नवरात का व्रत कर रहा है. नवरात्र करने वालों की संख्या बढ़ने का असर बाजार पर भी देखा जा रहा है. बीते चार दिनों से फलों की बिक्री दोगुनी से अधिक हो गयी है. वहीं, पटना के हर पंडाल और मंदिर की सजावट की खासियत उसका थीम बेस्ड डेकोरेशन और लाइटिंग है. शहर के विभिन्न इलाकों में लाइटिंग, रिबन और सजावट का कार्य जारी है.
पटना के डाकबंगला चौराहा पर बन रहा पंडाल हर साल होता है आकर्षण का केंद्र
दुर्गोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में हैं. पंडाल और प्रतिमाओं को फाइनल टच देने में कलाकार जुटे हैं. मां के भक्ति गीतों से राजधानी का माहौल भक्तिमय हो गया है. चारों ओर पंडाल में मां दुर्गा से संबंधित गीत से गूंज रहे हैं. चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है, तूने मुझे बुलाया शेरोंवाली, दुर्गा है मेरी मांए अंबे है मेरी मां आदि. वैसे तो बांग्ला पंडालों में षष्ठी (शनिवार) से मां का पट खुलेगा, जबकि अन्य पंडालों में सप्तमी (रविवार) से मां का पट खुलेगा. उसके बाद राजधानी पटना और आसपास का इलाका दुर्गोत्सव में डूब जायेगा. वहीं, पटना के डाकबंगला चौराहा पर सालों से भव्य पंडाल बनता आ रहा है. जो पूरे पटना वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है.
मुजफ्फरपुर के अघोरिया बाजार में दिखेगा दक्षिणेश्वर मंदिर का मॉडल
मुजफ्फरपुर के अघोरिया बाजार में दुर्गा पूजा पंडाल का मॉडल इस बार दक्षिणेश्वर मंदिर की तरह बनाया जा रहा है. पं. बंगाल के कलाकार मॉडल को अंतिम रूप देने में जुटेहुए हैं. पंडाल के अंदर रंग-बिरंगी लाइट भी लगायी गयी है. यहां पंडाल का भव्य स्वरूप भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. महासचिव डॉ महेश चंद्र प्रसाद ने कहा कि यहां दुर्गा पूजा की शुरुआत 1954 में हुई थी.
पटना में गोवर्धन पर्वत उठाये दिखेंगे श्रीकृष्ण भगवान
श्रीश्री दुर्गा पूजा समिति, महावीर स्थान, राजा बाजार में 1965 से दुर्गा पूजा हो रही है. इस बार यहां मां दुर्गा शेर पर सवार होकर महिषासुर का वध पर्वत गुफा में करते हुए नजर आयेंगी. समिति के मीडिया प्रभारी रवि चौधरी ने बताया कि इस बार पंडाल में मुख्य आकर्षण भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है. इसमें श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाये हुए नजर आयेंगे़. इसमें एक तरफ भगवान राधा-कृष्ण संग दिखेंगे,तो दूसरे छोर पर बाल कृष्ण पुतना का वध करते दिखेंगे. मूर्ति व पंडाल का निर्माण गया के संतोष रोशन की टीम कर रही है.
पटना के कदमकुआं में इको फ्रेंडली पंडाल बनाने के लिए कोलकाता से पहुंचे हैं कारीगर
पटना के कदमकुआं में श्रीश्री दुर्गा पूजा कल्याण समिति की ओर से इस बार इको फ्रेंडली पंडाल बनाया जा रहा है. इसका मुख्य मकसद लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है. इसके लिए कोलकाता से कलाकार आये हैं. पूरा पंडाल जूट से तैयार हो रहा है. पंडाल दक्षिण भारत के मंदिरों के तर्ज होगा.