Bihar: मामूली नक्सली समझकर जिसे लायी STF, वो निकला दुर्दांत इनामी हार्डकोर, जानें दंग करने वाली वारदात
Bihar Naxal News: जमालपुर एसटीएफ ने गुुप्त सूचना के आधार पर जिस नक्सली को पकड़कर लायी वो कोई मामूली नक्सली नहीं बल्कि एक हार्डकोर इनामी नक्सली निकला. इस बात की जानकारी भी पूछताछ के बाद सामने आयी. वह अपना नाम भी ऐसा बता गया था जिससे उसकी पहचान क्राइम जगत में कम रही.
Bihar Naxal News: जमालपुर एसटीएफ के डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में कजरा थाना क्षेत्र का दुर्दांत नक्सली सोमवार की रात नालंदा से गिरफ्तार किया गया. जिस पर 50 हजार रुपये के इनाम होने की बात कही जा रही है. एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि एक नक्सली नालंदा में छिपा है. जिस सूचना के आधार पर गिरफ्तारी भी हो गयी. लेकिन एसटीएफ को यह बाद में पता चला कि पकड़ा गया नक्सली कोई मामूली शख्स नहीं बल्कि एक दुर्दांत हार्डकोर सुभग है.
कजरा थाने के हवाले किया गया नक्सली
मिली जानकारी के अनुसार कजरा थाना क्षेत्र के बुधौली बनकर पंचायत के खैरा गांव निवासी रोहन साव का पुत्र सह हार्डकोर नक्सली सुभग साव उर्फ सुभाष साव काफी दिनों से फरार चल रहा था. जिस पर कजरा व चानन थाना में कुल आधा दर्जन नक्सली वारदातों के मामले दर्ज हैं. गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ जमालपुर की टीम ने सुभग साव को कजरा थाना के हवाले कर दिया. इस संबंध में कजरा थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली सुभग पर 50 हजार रुपये का इनाम दर्ज है.
गिरफ्तारी के वक्त इनामी नक्सली सुभग ने अपना नाम बताया था सुभाष साव
सुभग की गिरफ्तारी के लिए चलाये गये ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे एसटीएफ जमालपुर के डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि सुभग साव काफी समय से फरार चल रहा था. इसी क्रम में एसटीएफ को नालंदा में एक नक्सली के होने की जानकारी मिली. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के वक्त सुभग ने अपना नाम सुभाष बताया था. जिसके बाद उसे कजरा थाना में लाकर सत्यापन करवाया गया तो वह इनामी नक्सली सुभग साव निकला. जिसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम था.
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कई पुलिसकर्मियों की मौत और अपहरण का आरोपित
सुभग क्षेत्र के दो बड़े नक्सली वारदातों का अभियुक्त है. जिसमें सबसे चर्चित 29 अगस्त 2010 को थाना क्षेत्र के पहाड़ी पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में तत्कालीन कवैया थानाध्यक्ष भूलन यादव सहित सात बीएमपी जवानों की मौत हो गयी थी. वहीं घटना के दौरान नक्सलियों के द्वारा चार पुलिस पदाधिकारियों को अगवा भी कर लिया गया था. जिसमें बाद में एक पुलिस कर्मी लुकस टेटे को नक्सलियों के द्वारा मार दिया गया, जबकि तीन पुलिस पदाधिकारियों को बाद में छोड़ दिया गया था. घटना को लेकर कजरा थाना में 33/10 दर्ज है. जिसमें सुभग साव नामजद अभियुक्त है.
मुखिया समेत तीन लोगों को मौत के घाट उतारने का आरोप
इसके अलावा 25 जुलाई 2006 को खैरा गांव में ही बुधौली बनकर पंचायत के मुखिया साधु शरण यादव सहित तीन लोगों की नक्सलियों के द्वारा हत्या कर दी गयी थी. जिसमें 150 अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ सूर्यगढ़ा (कजरा) थाना में कांड संख्या 184/06 दर्ज किया गया था. जिसके अनुसंधान में सुभग साव का नाम सामने आया था, जिसे लेकर उसके खिलाफ वारंट निकला हुआ था.
धनबाद-पटना इंटरसिटी पर हमला व लूट
इसके साथ ही सुभग साव पर कजरा थाना में कांड संख्या 19/14, 22/14 भी दर्ज है जिसमें भी वह फरार चल रहा था. इसके अलावा चानन थाना में सुभग कांड संख्या 33/13 एवं 34/13 कांड का भी आरोपी है, जिस में नक्सलियों के द्वारा जुन 2013 में धनबाद-पटना इंटरसिटी पर हमला कर एक सुरक्षा जवान सहित एक यात्री की मौत हुई थी तथा नक्सलियों के द्वारा पुलिस का हथियार भी लूट लिया गया था. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
18 जून 2022 को सुभग के चाचा व चचेरे भाई की जमशेदपुर से हुई थी गिरफ्तारी
सुभग के साथ ही उसके चाचा श्रवण साव व उसका पुत्र विपिन साव भी हार्डकोर नक्सली रहा है. जिसे विगत चार माह पूर्व 18 जून 2022 को जमालपुर एसटीएफ के द्वारा ही जमशेदपुर से गिरफ्तार किया गया था. बताया जा रहा है कि विपिन साव बचपन से ही नक्सलियों के साथ हो लिया था तथा कई मामलों का आरोपी था.
Posted By: Thakur Shaktilochan