बिहार के लखीसराय में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. बिहार पुलिस ने लखीसराय से नक्सली सीताराम कोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि एसएसबी व जिला पुलिस ने संयुक्त रुप से अभियान चलाते हुए उसे घोघरघाटी मोरवे डैम से गिरफ्तार किया है. बड़ी बात ये है कि नक्सली सीताराम कोड़ा के नाम से एक जनवितरण प्रणाली की दुकान का लाइसेंस भी निर्गत है. ऐसे में समझा जा रहा है कि वो नक्सलियों के सप्लाई चेन में एक अहम भूमिका निभाता था. पुलिस उसकी गिरफ्तारी को नक्सलियों के सप्लाई चेन को तोड़ने की दिशा में एक बड़ी सफलता मान रही है. इसके बारे में विशेष जानकारी जल्द ही एसपी देने वाले हैं.
बताया जा रहा है कि पुलिस के हत्थे चढ़ा सीताराम कोड़ा हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा का साला है. एक वर्ष पहले बालेश्वर कोड़ा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. बालेश्वर कोड़ा के साथ पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी नक्सली संगठन के हार्डकोर इनामी नक्सली अर्जुन कोड़ा, आदि ने पुलिसलाइन में आत्मसमर्पण किया था. बताया जाता है कि आत्मसमर्पण करवाने में बालेश्वर कोड़ा की पत्नी मंगरी देवी की महत्वपूर्ण भूमिका थी. वो 215 सीआरपीएफ बटालियन के कैंप में लगातार अधिकारियों की संपर्क में थी.
Also Read: ‘देश मांगे नीतीश कुमार’ मुंबई में सीएम के स्वागत में लगे पोस्टर, उद्धव और शरद से मुलाकात के बीच गरमाई सियासत
मुंगेर में आत्मसमर्पण करने वाले सीताराम कोड़ा के बहनोई बालेश्वर कोड़ा के नाम से भी जमुई, लखीसराय, मुंगेर जिले के कई थानों में नक्सल केस दर्ज थे. इसमें किऊल-जसीडीह रेलखंड के कुंदर हाल्ट के समीप इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला, वर्ष 2011 में कजरा के जंगल में सुरक्षाबलों पर हमला, किऊल-भागलपुर रेलखंड के जमालपुर के समीप ट्रेन पर हमला, जमुई जिले के मलयपुर में स्वर्ण व्यवसायी के घर में लूटपाट आदि शामिल है. हालांकि, बताया जा रहा है कि बालेश्वर कोड़ा की पत्नी मंगरी देवी सरकार के द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित थी, और उनसे अपने पति को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए प्रेरित किया.