भागलपुर: टीएमबीयू के पीबीएस कॉलेज बांका को यूजीसी से मिले विभिन्न योजना का हिसाब नहीं मिलने का मामला प्रकाश में आया था. अब जेपी विवि छपरा के राजा सिंह काॅलेज सीवान में भी इसी तरह का मामला सामने आया है. यूजीसी से राजा सिंह काॅलेज को मिली राशि के 23 लाख 31 हजार 860 रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. ऐसे में जेपीयू के कुलपति ने उस काॅलेज के प्राचार्य व बर्सर के वेतन पर रोक लगा दी है.
राजा सिंह काॅलेज की जिस अवधि का हिसाब नहीं मिल रहा है, उस अवधि में डाॅ संजय चाैधरी प्राचार्य थे. वर्तमान में टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य है. राजा सिंह काॅलेज के वर्तमान प्राचार्य ने डाॅ संजय चाैधरी काे पत्र लिख कहा है कि 12 सितंबर 2009 से नवंबर 2014 तक प्राचार्य थे. इस अवधि में यूजीसी से विभिन्न योजना से काॅलेज काे मिली राशि के 23 लाख से ज्यादा का हिसाब नहीं मिल रहा है. ऐसे में यूजीसी से सेटलमेंट नहीं हो पा रहा है. पत्र में डाॅ चाैधरी से हिसाब ढूंढने में सहयोग करने को कहा है.
प्राचार्य डॉ. चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद नियमानुसार एनओसी लेकर अंतर विवि तबादला हुआ था. ऐसे में उनकी जिम्मेवारी टीएनबी कॉलेज की है. उस समय कॉलेज के बर्सर व संबंधित कर्मचारियों को यूजीसी से जुड़े दस्तावेज जमा करा दिया था. इतने सालों के बाद दस्तावेज संभाल कर रखने की जिम्मेवारी उस कॉलेज की है. कुछ लोग उन्हें साजिश के तहत बदनाम करना चाहते हैं, जबकि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि टीएनबी कॉलेज का भी पुराना दस्तावेज नहीं मिल रहा था. उनके पहले के पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल का था.
कॉलेज प्रशासन ने अपनी जिम्मेवारी पर सारा कुछ यूजीसी से सेटलमेंट कराया. सितंबर में पीबीएस कॉलेज में यूजीसी की योजना से 10 लाख से अधिक की राशि का हिसाब नहीं मिल रहा था. विवि प्रशासन ने कॉलेज प्राचार्य, बर्सर व एकाउंटेंट के वेतन पर रोक लगा दी है. विवि प्रशासन ने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य को पत्र लिख कर यूजीसी मामले में सहयोग करने को कहा है.