15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार: आगरा घराने के उस्ताद ने ‘राग नंद’ से कराया अवगत, जानिए आध्यात्म और भारतीय शास्त्रीय संगीत का रिश्ता

Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में संगीत को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें आगरा घराने के उस्ताद वसीम अहमद खान ने राग आनंदी से सभी का दिल खुश कर दिया. यह सभी को काफी पसंद आया.

जूही स्मिता, पटना. स्पीक मैके की ओर से लेक डेम सीरीज 2024 के तहत आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें आगरा घराने के उस्ताद वसीम अहमद खान ने राग आनंदी की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्र मुंग्ध कर दिया. उनका साथ तबला पर संगत देश- विदेश के विभिन्न मंचों पर प्रस्तुति दे चुके युवा तबला वादक अर्कोदीप दास ने दिया जबकि हारमोनियम पर सतानिक चटर्जी संगत दे रहे थे. प्रस्तुति से पहले उस्ताद वसीम अहमद खान ने कहा कि हर जगह की ऑडियंस अलग होती है. लेकिन, आज के युवाओं में संगीत उनके दिल में बसता है जो बेहद प्रसांगिक है. उन्होंने राग नंद के बारे में बताया. नोम टॉम का ध्रुपद शैली का आलाप, बंदिश को गाया. ढूंढू बारी साइयां सकल बन ढंढू, द्रुत की बंदिश इसी राग में प्रस्तुत किया. उन्होंने अजहूं ना आए श्याम बहुत दिन बीते गाकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजय पांडे के साथ कई छात्र-छात्राएं मौजूद थे.

सवाल- आप आगरा घराने से हैं ऐसे में इसकी विशिष्ट विशेषताएं क्या हैं?

जवाब- ख्याल में आगरा घराना सबसे पुराना घराना है. हमारा घराना ध्रुपद शैली से आया है जिसमें नोम-टॉम आलाप, राग के अनुसार तान का पैटर्न है. किसी बंदिश (स्थिर, मधुर रचना) को प्रस्तुत करने की पद्धति खासियत है. बंदिश को हम कई हिस्सों में तोड़ते हैं. उदाहरण के लिए, यदि अंतरा में कोई दिलचस्प पंक्ति है, तो हम इस पंक्ति का उपयोग बोल तान (नोटों का लयबद्ध पैटर्न जो बंदिश के शब्दों का उपयोग करता है), बोल बांट, बोल बनाव, बोल विस्तार आदि के लिए करते हैं. हमें कोई कृत्रिम आवाज नहीं बनानी है, बल्कि ईश्वर द्वारा प्रदत्त आवाज को निखारना है.

Also Read: Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम को लेकर अक्षरा सिंह का भक्ति गाना रिलीज, जानिए गाने की खासियत

सवाल-क्या आज हम जो हिंदुस्तानी संगीत सुनते हैं उसमें विभिन्न घरानों की विशेषताओं का मिश्रण है?

जवाब- हां बिल्कुल है. बहुत कम लोग रह गये है जो अपने घराने से जुड़े कर गा रहे हैं. हर घराने की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं. पहले के कलाकारों ने भी अन्य घरानों की विशेषताओं को अपनाया और अपने संगीत को समृद्ध किया. हालांकि, उन्होंने अपने घराने की एक मोहर बरकरार रखी.

सवाल- एक प्राचीन और प्रतिष्ठित घराने का हिस्सा होने के नाते आपकी जिम्मेदारियां क्या हैं? क्या आपके पास कार्यभार संभालने के लिए एक और पीढ़ी है?

जवाब- यह एक बहुत बड़ी ज़म्मेदारी है. लेकिन मुझे गर्व भी महसूस होता है मैंने इस परंपरा को अपने पुर्वजों से सीखा. यहीं वजह है कि मैं इस घराने का 17वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. सबसे महत्वपूर्ण पहलू इस विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है. मेरी छोटी बेटी को इस परंपरा से जोड़ूगा हालांकि हमारे परिवार में लड़कियां इससे नहीं जुड़ी हुई है. लेकिन मैं इसकी शुरुआत अपनी बेटी से करना चाहता हूं. मेरे कई शागीर्द है जो संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं.

सवाल-क्या आध्यात्मिकता और भारतीय शास्त्रीय संगीत के बीच कोई संबंध है?

जवाब-निश्चित रूप से संबंध है. अध्यात्म के बिना संगीत निरर्थक है. हमारी बंदिशें किसी भी धर्म के देवताओं को संबोधित करती हैं और इस दुनिया की भलाई के लिए उनकी दया का अनुरोध करती हैं.

सवाल- आधुनिक विश्व में भारतीय शास्त्रीय संगीत कितना प्रासंगिक है?

जवाब- यह आधुनिक दुनिया में प्रासंगिक है. क्लासिकल सिंगिंग हमेशा से क्लास (जो संगीत को समझते हैं) के लोगों के बीच प्रचतिल है.जितने भी रिएलिटी शो आते है इसके गायक ने शिक्षा गुरु या उत्साद से ली है. यही प्रमाण है कि क्लासिकल का असत्तिव हमेशा से था है और रहेगा.

सवाल- क्या गुरु- शिष्य परंपरा अभी भी अस्तित्व में है?

जवाब- इसा अस्तित्व है जिसका उदाहरण मेरे साथ बैठे मेरे शिष्य. मैं अपने विद्यार्थियों को वैसे ही पढ़ाता हूं जैसे मैंने अपने गुरुओं से सीखा है. मेरे शिष्य मेरे साथ रहकर संगीत की शिक्षा लेते हैं.

सवाल- यदि आप पेशेवर संगीतकार नहीं होते तो आप कौन सा करियर चुनते?

जवाब- मैं शायद एक क्रिकेट खिलाड़ी होता. मुझे इस खेल का शौक था और मैं कॉलेज के दिनों में इसे खेलता था. मुझे देखकर कई लोग कपिल देव कहकर संबोधित करते हैं.

Also Read: बिहार: पत्नी को फेसबुक पर युवक से हुआ प्यार, शादी के 15 साल बाद बेटियों संग फरार, जानिए पूरा मामला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें