पटना. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि देश में 65 हजार पैक्स हैं. अगले पांच वर्ष में इनकी संख्या बढ़ाकर तीन लाख पैक्स करने की है. सभी पैक्सों को कंप्यूटराइज्ड किया जायेगा. राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय बनाये जायेंगे. सहकारिता कानून और मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव के कानून में बदलाव किया जायेगा. सांसद मोदी भाजपा प्रदेश कार्यालय में सहकारिता प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को-ऑपरेटिव की ताकत को पहचाना और पांच जुलाई को सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया. गृह मंत्री अमित शाह को इस विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है. उनकी हाल में सहकारिता पर आयोजित वर्चुअल बैठक में छह करोड़ लोग जुड़े थे. केंद्र सरकार सहकारिता के माध्यम से किसानों में समृद्धि लाने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि 2005 में सत्ता में आने के बाद बिहार की एनडीए सरकार ने हरेक पंचायत में एक पैक्स बनाने का निर्णय लिया. धान-गेहूं की खरीद में पैक्स की भूमिका काफी बड़ी है. पिछले दिनों साढ़े चार लाख मीटरिक टन गेहूं की खरीद तथा 35 लाख 50 हजार मीटरिक टन धान की खरीद इससे हुई थी. कांग्रेस शासन में राज्य में कुछ खास लोगों का को-ऑपरेटिव पर कब्जा था.
सहकारिता आंदोलन में बिहार और यूपी पीछे हैं. उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन से कृषि को ठीक कर सकते हैं. बिहार में कृषि रोड मैप बना है. इस मौके पर सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में बिहार अपनी अलग पहचान बनायेगा. बिहार सरकार ने सहकारिता में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं. विभाग का प्रयास है कि किसानों के फसलों की उचित मूल्य पर खरीद पैक्सों के माध्यम से की जाये.
सहकारिता विभाग के स्तर से सब्जियों की खरीद के लिए राज्य स्तर पर समिति बनायी गयी है. इस कार्यक्रम में उपमुख्य सचेतक जनक सिंह, शिवनारायण महतो, विधायक संजीव चौरसिया, विधायक संजय सरावगी, मुख्यालय प्रभारी सुरेश रूंगटा, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भास्कर सिंह, रणधीर ठाकुर समेत अन्य मौजूद थे.
Posted by: Radheshyam Kushwaha