एक तरफ कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमा पर धरना लगाए बैठे हैं. दूसरी तरफ, बिहार के एक गांव के एक किसान ने गोभी की कीमत गिरने पर अपनी खेत में लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव ने कहा कि यह कदम मजबूरी में उठाया. किसान की मानें तो गोभी की खेती में चार हजार रुपए प्रति कट्ठा का खर्च आया. लेकिन मंडी में गोभी एक रुपए किलो भी नहीं बिक रहा.
इस बात से नाराज किसान ने कई बीघा में अपनी तैयार फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया. फसल पर ट्रैक्टर चलाने के बाद किसान ने बताया कि पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर अपने खर्च से बोरा देकर उसे पैक करवाना होता है. पैकिंग के बाद ठेला या किसी अन्य गाड़ी की मदद से उसे मंडी पहुंचाना पड़ता है. लेकिन मंडी में दुकानदार एक रुपए प्रति किलो भी गोभी की फसल खरीदने को तैयार नहीं हैं.
ऐसे में मजबूरन उसे अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा है. किसान ने कहा कि अब इस खेत में गेंहू रोपेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से एक रुपया भी लाभ नहीं मिल रहा है. इससे पहले उनका काफी गेहूं खराब हो गया था तो सरकार से एक हजार 90 रुपया का मुआवजा मिला था. इस किसान ने कहा कि वह 8 से 10 बीघे में खेती करते हैं और सरकार की ओर से एक हजार रुपया क्षतिपूर्ति मिलता है.
Posted By: Utpal kant