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Explainer: पटना की मंडी में मांग से 50 प्रतिशत कम पहुंच रहा सेब, सब्जियों के बढ़े भाव, जानें कारण..

Bihar News: बिहार में टमाटर के बाद सब्जियों और सेब के दाम भी बढ़ गए है. इस कारण आम लोगों के साथ- साथ दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्याज की कीमत ने भी लोगों को रुला दिया. इसके अलावा चीनी व आटा के भाव में भी बढ़ोतरी हुई है.

Bihar News: बिहार में सब्जियों के भाव में लोगों को उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. लोग महंगाई से परेशान है. राजधानी पटना के मंडियों में सेब मांग से 50 प्रतिशत तक कम पहुंच रहा है. सावन के महीने में सेब की मांग 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. हिमाचल प्रदेश में पहाड़ के खिसकने से आपदा आई है. इसका असर पटना की फल मंडी में देखने को मिल रहा है. मांग के हिसाब से सेब की आपूर्ति नहीं हो रही है. बाजार समिति मुसल्लहपुर में सेब की 12 से 14 गाड़िया पहुंची. वहीं, आम तौर पर इस मौसम में 25 से 30 ट्रक आती है. आवक कम होने के कारण आम लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है.

सावन के महीने में सेब की मांग अधिक

फिलहाल, सावन के महीने में भी सेब की आवक कम है. थोक सेब विक्रेता बताते है कि सावन के महीने में मांग 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. लेकिन, प्राकृतिक आपदा के कारण आवक कम हो चुकी है. इस कारण दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही आम लोगों को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. लोगों को काफी समस्या हो रही है. आवक कम होने का सीधा असर सेब की कीमत पर पड़ रहा है. मंगलवार को 25 किलो सेब की कीमत ढाई हजार से चार हजार के बीच रही.

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महाराष्ट्र के नासपाती की आवक अधिक

खुदरा बाजार में हिमाचल प्रदेश के सेब की कीमत 160 रुपए से दो सो रुपए किलोग्राम के बीच है. फिलहाल, सेब की कीमत में कमी की उम्मीद नहीं जताई जा रही है. लेकिन, आवक के बढ़ने के बाद सेब के भाव कम हो सकते है. सेब की कीमत में बढ़ोतरी के बाद लोग दूसरे फल की ओर अपना रुख कर रहे है. सेब के बदले मौसमी की खूब बिक्री हो रही है. फिलहाल, बाजारों में महाराष्ट्र के नासपाती की आवक अधिक है. औरंगाबाद के साथ ही नासिक से नासपानी राजधानी पटना आ रही है. महाराष्ट्र मं इस बार नासपाती की पैदावार काफी अच्छी रही है. इस कारण इसकी कीमत अधिक नहीं है. साल 2022 में नासपाती की थोक कीमत 40 से 60 रुपए के बीच थी. यह इस साल 28 से 32 रुपए प्रति किलो रह गई है.

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उत्पादन कम होने के बाद कीमत में बढ़ोतरी

राज्य में टमाटर की बढ़ती कीमतों ने पहले सभी को परेशान किया. टमाटर के भाव अभी भी आसमान पर है. इसके बाद सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी हुई. प्याज ने भी लोगों को रुला दिया. दाल और आटे का भाव भी चढ़ गया. इसके बाद अब सेब की बड़ती कीमत ने लोगों को परेशान कर दिया है. दाल के बारे में कहा जा रहा है कि उत्पादन कम होने के बाद दाल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई. फिलहाल, आगे भी दाल की कीमत बढ़े रहने की ही आशंका है. इसकी कीमत में कमी की बात नहीं कही जा रही है. सरसों तेल की कीमत में भी इजाफा देखने को मिला.

थोक में सब्जियों के दाम

हरी मिर्च – 60 रुपये किलो

अदरक- 160 रुपये किलो

फूल गोभी – 20 रुपये / प्रति पीस

टमाटर- 60 रुपये किलो

पालक- 30 रुपये किलो

गाजर- 50 रुपये किलो

आलू- 17 रुपये किलो

लहसुन- 160 रुपये किलो

प्याज- 30 रुपये किलो

नींबू – 50 रुपये किलो

भिंडी – 25 रुपये किलो

तरोई- 20 रुपये किलो

कद्दू- 22 रुपये किलो

लौकी – 20 रुपये किलो

सेम- 30 रुपये किलो

परवल – 30 रुपये किलो

करेला – 30 रुपये किलो

हरी धनिया- 80 रुपये किलो

सब्जियों के दाम (फुटकर):

हरी मिर्च – 80 रुपये किलो

अदरक- 200 रुपये किलो

फूल गोभी- 30 रुपये / प्रति पीस

टमाटर- 90 रुपये किलो

पालक- 40 रुपये किलो

गाजर- 60 रुपये किलो

आलू – 26 रुपये किलो

लहसुन- 200 रुपये किलो

प्याज- 40 रुपये किलो

नींबू – 80 रुपये किलो

भिंडी – 30 रुपये किलो

तरोई- 30 रुपये किलो

कद्दू – 30 रुपये किलो

लौकी – 30 रुपये किलो

सेम- 40 रुपये किलो

परवल- 40 रुपये किलो

करेला – 50 रुपये किलो

हरा धनिया- 130 रुपये किलो

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हरा धनिया 130 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. वहीं, लौकी, कद्दू, तरोई्, फूल गोभी, परवल, सेम, करेला, प्याज, भिंडी 30 रुपए किलो के आसपास है. इसकी कीमत बहुत अधिक नहीं है. लेकिन, पहले से दाम अधिक है. अदरक 160 रुपए प्रति किलो है. वहीं, लहसून 160 रुपए प्रति किलो है. इनकी कीमत अधिक है. राज्य में बारिश के बाद सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. पिछले कुछ दिनों में हरी सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी देखी गई. बारिश के बाद सब्जियों की कीमत में इजाफा हुआ. बारिशॉ के बाद सब्जियां खराब हो जाती है. इस कारण इसके दाम में भी इजाफा देखने को मिलता है. सब्जी विक्रेता बताते है कि सब्जी की आवक कम हो रही है. इस कारण भाव बढ़े हुए हैं. लोग एक बार फिर राज्य में मंहगाई की मार झेल रहे हैं. भाव बढ़ने से लोगों को परेशानी हो रही है.

सब्जियों की फसलें हुई खराब..

बताया जाता है कि बारिश में फसलों के खराब होने के बाद दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली है. आवक कम होने के कारण शिमला मिर्च की कीमत में भी बढ़ोतरी देखने को मिली. मांग के बढ़ने और आवक के कम होने से दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली. सावन के महीने के महीने में सेब के अलावा शिमला मिर्च की भी बाढ़ जाती है. कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद लोगों के रसोई का बजट बिगड़ गया. सब्जी और सेब की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान है. महिलाओं का कहना है कि एक बार फिर सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. इस कारण समस्या हो रही है. लेकिन, लोग महंगाई के बावजूद सब्जी खरीदने को मजबूर है. लोगों के घर का बजट खराब हुआ है. खरीददारी में थोड़ी कमी आई है. विक्रेता बताते है कि सब्जियों की कीमत आवक पर निर्भर होती है. आवक का कम होना भी सब्जियों की बढ़ती कीमत का कारण है. फसल के खराब होने के कारण दाम में बढ़ोतरी हुई है.

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