Bihar: भागलपुर के इन 9 प्रखंडों के 117 पंचायत सूखाग्रस्त घोषित, जानें किसानों को मिलेगा कितना मुआवजा…

Bihar News: भागलपुर के किसानों को सूखाड़ का सामना करना पड़ा. अब सुखाड़ ग्रसित क्षेत्रों का सर्वे करा लिया गया है और पीड़ित किसानों को मुआवजे की तैयारी शुरू कर दी गयी है. नौ प्रखंडों के 117 पंचायत के किसानों को मुआवजा मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2022 3:34 PM

Bihar News; भागलपुर जिले के नौ प्रखंडों के 117 पंचायत के किसानों को सुखाड़ का दंश झेलना पड़ रहा है. अब सरकार इन पंचायतों के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे. सरकार की ओर से पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. सर्वे में कहलगांव को सबसे अधिक सुखाड़ प्रभावित बताया गया है जबकि नाथनगर में सूखे का असर सबसे कम दिखा.

इन पंचायतों की सूची उपलब्ध करायी गयी…

सुखाड़ के मुआवजा को लेकर जिलाधिकारी से कृषि विभाग के विशेष सचिव को पत्र भेजकर सूचना दी है. साथ ही इन पंचायतों की सूची उपलब्ध करायी है. जिले के 16 में नौ प्रखंड सबौर, पीरपैंती, नाथनगर, कहलगांव, गोराडीह, सुलतानगंज, सन्हौला, शाहकुंड व जगदीशपुर शामिल हैं. सुखाड़ का दंश झेल रहे किसानों को मुआवजा देने के लिए आपदा विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

कहलगांव सबसे अधिक व नाथनगर सबसे कम सुखाड़ प्रभावित

कृषि विभाग की ओर से जिले में खरीफ 2022-23 में सुखाड़ का सर्वे किया गया. इसमें नौ प्रखंड के 117 पंचायत सुखाड़ प्रभावित हैं. इन नौ प्रखंड में सबसे अधिक कहलगांव सबसे अधिक सुखाड़ प्रभावित है. यहां 19 पंचायत सुखाड़ प्रभावित है. वहीं सबसे कम नाथनगर सुखाड़ प्रभावित है. यहां छह पंचायत सुखाड़ से प्रभावित है. सबौर प्रखंड में नौ पंचायत, गोराडीह में 14 पंचायत, सुलतानगंज में सात पंचायत, सन्हौला व शाहकुंड में 17-17 पंचायत, जगदीशपुर में 13 पंचायत, पीरपैंती में 15 पंचायत सुखाड़ प्रभावित हैं.

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जानिये मुआवजे की राशि

आपदा विभाग की ओर से प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद अधिसूचना जारी की गयी और बताया कि सुखाड़ प्रभावित किसानों को 3500 रुपये प्रति परिवार देने की तैयारी शुरू कर दी है. आपदा विभाग की ओर से जिन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से कम धान का आच्छादन रहा, वहां किसानों को 3500 रुपये व सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा वैकल्पिक बीज का वितरण किया गया. यहां दरअसल कम बारिश से रोपनी नहीं हो सकी.

Published By: Thakur Shaktilochan

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