अजब-गजब! 2008 में हुआ रिटायर, लेकिन 16 साल से बनती रही हाजिरी, बिहार के स्कूल में गड़बड़झाला

Bihar News: शिक्षा विभाग ने जिस शिक्षक को 2008 में रिटायर कर दिया, उसकी हाजिरी अब तक बनती आ रही थी. उसके लिए अलग रजिस्टर बनाए गए थे. वेतन को लेकर जब मामला फंसा तो यह गड़बड़ी सामने आई.

By Aniket Kumar | November 20, 2024 8:32 AM
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Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक को शिक्षा विभाग ने साल 2008 में ही रिटायर कर दिया. इसके बावजूद करीब 16 सालों से उसकी हाजिरी बनती रही. प्रोजेक्ट स्कूलों में हेडमास्टर से लेकर बीईओ की मिलीभगत से यह खेल चलता रहा और शिक्षा विभाग को खबर तक नहीं हुई. हैरानी की बात यह है कि जिस शिक्षक की सेवा को शिक्षा विभाग ने अमान्य करार दिया, उनकी हाजिरी अलग रजिस्टर पर बनती रही. वेतन को लेकर जब मामला कोर्ट में पहुंचा और इसकी खोजबीन शुरू हुई तो यह गड़बड़ी सामने आई. 

अन्य स्कूलों में भी हो रही जांच

साल 2008 में अलग-अलग स्कूलों के दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को सेवामुक्त करने का आदेश दिया गया था. अब ऐसे में एक स्कूल में इस तरह का मामला सामने आने के बाद अन्य स्कूलों में भी जांच कराई जा रही है. इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ से जवाब मांगा है कि जिसे हटा दिया गया था, उसकी उपस्थिति कैसे रही. इस मामले में हेडमास्टर से स्पष्टीकरण मांगते हुए संबंधित अमान्य शिक्षक का रजिस्टर भी मंगाया गया है. डीईओ ने इस मामले को लेकर तत्कालीन और वर्तमान दोनों हेडमास्टर से जवाब मांगा है. 

डीईओ का बयान

डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में हेडमास्टर की तरफ से कहा गया कि संबंधित शिक्षक की अलग रजिस्टर में उपस्थिति बनती रही है. ऐसे में यहां सवाल ये आता है कि जो शिक्षक सेवा में था ही नहीं, उसकी उपस्थिति बनी कैसे. अगर शिक्षक सही था तो उपस्थिति अलग क्यों बनी. यहीं नहीं हेडमास्टर ने बिना शिक्षा विभाग से परमिशन लिए उस रजिस्टर को सत्यापित कैसे किया.

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