मुजफ्फरपुर. सरकारी स्कूल के शिक्षकों की निगरानी अब सीधे राज्य मुख्यालय से होगी. इसके लिए एक अगस्त से सभी शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनानी है. जिसके लिए स्कूल परिसर में उपस्थित होना जरूरी है. शिक्षक स्कूल आने के साथ उपस्थिति दर्ज करायेंगे. वहीं, जाते समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एग्जिट भी करना होगा. एंट्री और एग्जिट के लिए लिंक आधा-आधा घंटा तक ही खुला रहेगा.
दरअसल, ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की हाजिरी बनेगी. यह सिस्टम लाइव लोकेशन के आधार पर काम करेगा. इसका मतलब है कि स्कूल परिसर से बाहर रह कर कोई शिक्षक ना तो एंट्री कर सकते है और ना ही एग्जिट कर सकते हैं. सुबह निश्चित समय के बाद लिंक बंद हो जायेगा. उसके बाद आने वाले शिक्षक हाजिरी नहीं बना सकेंगे और अनुपस्थित माने जायेंगे. डीइओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से कहा गया है कि अगस्त से शिक्षकों की हाजिरी ऑनलाइन बनेगी. सभी शिक्षकों को मोबाइल ई-शिक्षा कोष एप अपलोड करने के लिए कहा गया है.
सभी शिक्षकों का यूजर आइडी व पासवर्ड विभाग की ओर से तैयार कर संबंधित स्कूलों को भेज दिया गया है. शिक्षकों को कहा गया है कि एंड्रॉएड मोबाइल पर प्ले स्टोर से ई-शिक्षाकोष सॉफ्टवेयर अपलोड करें और उस पर अपना यूजर आईडी व पासवर्ड डालकर सक्रिय कर लें. कई स्कूलों में शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति का ट्रायल भी शुरू कर दिया है.
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वहीं, जिले में छठे चरण में नियुक्त चार हजार से अधिक शिक्षकों का डाटा अपलोड नहीं है. इस कारण उनका यूजर-आईडी नहीं बन सका है. डीइओ का कहना है कि इन शिक्षकों का डाटा अपलोड करने की जिम्मेदारी डीपीओ स्थापना को दी गयी है. डीपीओ के यूजर आइडी से ही नये शिक्षकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड होगा. दरअसल, इनकी नियुक्ति वर्ष 2022 में हुई है. विभाग ने यू-डॉयस 2021-22 के आधार पर शिक्षकों का प्रोफाइल तैयार किया है.
रिपोर्ट- धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर