दीपक राव: भागलपुरी जर्दालू आम की खुशबू सभी जगह चाहे घरेलू बाजार हो या विदेशी बाजार में बिखरने लगी है. जैविक जर्दालू की डिमांड अलग-अलग मॉल में होने लगी है. विभिन्न किस्म के आम का उत्पादन उम्मीद से अधिक होने पर भी जैविक जर्दालू अपनी पहचान बनाये हुए है. इसी के बदौलत उपभोक्ता मुंहमांगी कीमत देकर इसे खरीद रहे हैं. जर्दालू आम ने अपनी विशिष्ट पहचान के साथ जीआई टैग प्राप्त कर लिया. यह हरेक साल अलग-अलग देश में निर्यात हो रहा है.
बता दें कि बड़े निवेशक जर्दालू के माध्यम से अपने कारोबार को बढ़ाने में लगे हैं. पहले इंग्लैंड, फिर बहरीन और अब दुबई में निर्यात किया गया. मलेशिया से जर्दालू आम की डिमांड हुई, लेकिन आंधी से खराब हुए आम के कारण निर्यात कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. पीरपैंती के आम किसान राकेश सिंह ने बताया कि भागलपुर जर्दालू की डिमांड बहुत हो रही है. वशर्ते कि आंधी से बचाव का उपाय किया जाये.
जिला प्रशासन व कृषि विभाग की मदद से जर्दालू आम को जैविक तरीके से उत्पादित करने को बढ़ावा दिया गया. पौधा संरक्षण विभाग की ओर से आम को सुरक्षित रखने के लिए मेंगो कैप लगाने को लेकर किसानों को जागरूक किया गया. जिले के कहलगांव, सुलतानगंज व सबौर के आम उत्पादकों ने अपने आम को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ में लगे आम में मेंगो कैंप लगाये थे. इस कारण आम आंधी-बारिश के साथ-साथ अन्य कीट से भी सुरक्षित रहा.
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इस तरह से एक ओर जहां जैविक जर्दालू की क्वालिटी तो बेहतर हुई ही, साथ ही आम आकर्षक हो गया. एक ही नजर में उपभोक्ता को पसंद आने लगा. जैविक जर्दालू आम उत्पादक किसान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि पटना के सिटी सेंटर मॉल में नि:शुल्क जैविक जर्दालू का अलग स्टॉल लगाने की जगह मिली. इतना ही नहीं जब आम की डिमांड उपभोक्ताओं के बीच बढ़ी तो अन्य मॉल के संचालकों ने जैविक जर्दालू आम की खोज शुरू कर दी. एक-एक पैकेट आम की कीमत 600 रुपये तक मिल रही है. एक पैकेट में 16 आम आता है.