Bihar News: देश में जारी कृषि बिल (Krishi bill) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच ही बिहार सरकार (Bihar Govt.) ने किसानों (Farmers) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. किसानों के मिलने वाला डीजल अनुदान (Diesel Subsidy) योजना को बंद कर दिया गया है. एक दशक पुरानी योजना को बंद करने का कारण कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amrendra Pratap singh) ने दिसंबर को पहले हफ्ते में बताया था. बिहार सरकार ने किसानों के मिलने वाला डीजल अनुदान योजना को बंद करने से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
उन्होंने कहा था कि अब बिजली की उपलब्धता हर गांव में हो गयी है. साथ ही बिजली डीजल से सस्ती भी है. इसलिए अब डीजल अनुदान की जरूरत नहीं है. बता दें कि खरीफ में भी किसानों को डीजल अनुदान नहीं मिला था. किसानों को तीन सिंचाई के लिए प्रति लीटर 60 रुपये की दर से अनुदान दिया जा रहा था.
डीजल अनुदान योजना के तहत सरकार किसान को फसलों की डीजल पंप सेट से सिंचाई के लिए अनुदान राशि प्रदान करती आ रही थी. योजना के तहत बिहार के सभी किसानों को आर्थिक लाभ पहुंच रहा था.लाभुकों की बात की जाये, तो बीते वित्तीय वर्ष में साढ़े छह लाख किसानों को इसका लाभ मिला. हालांकि, यह संख्या आवेदकों की आधी ही थी. इससे पहले 30 लाख से अधिक किसानों के खाते में डीजल अनुदान गया था.
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि डीजल अनुदान नहीं दिया जायेगा इसकी सरकार ने मुकम्मल घोषणा नहीं की है. फिलहाल इस साल के लिए बंद किया गया है. पर्याप्त बिजली दी जा रही है और यह डीजल से सस्ती भी पड़ रही . डीजल अनुदान की मांग भी इतनी नहीं रह गयी है. जोर और जरूरत को ध्यान में रख कर यह निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि डीजल की कीमतों में वृद्धि से पहले से ही बेहाल किसानों की सरकार के इस फैसले से परेशानी और बढ़ गई है. सरकार अनुदान तो सिर्फ सिंचाई के लिए डीजल पर देती थी. लेकिन किसानों की डीजल पर निर्भरता कई और काम के लिए भी है. कटनी और दौनी के साथ बाजार तक पहुंचाने में ट्रैक्टर आदि में भी डीजल का ही उपयोग होता है. हार्वेस्टर भी डीजल पर ही चलता है.
Posted By: Utpal kant