गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नये फोरलेन पुल का निर्माण फरवरी से, विधानसभा चुनाव के पहले PM Modi ने किया था शिलान्यास
Bihar News: बिहार के पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने बुधवार को पटना (Patna) में गंगा नदी (Ganga River) पर महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) के समानांतर बनने वाले पुल का निर्माण कार्य अगले महीने शुरू करने का अधिकारियों और ठेकेदारों को निर्देश दिया है. यह निर्देश उन्होंने गायघाट स्थित परियोजना स्थल पर 14.50 किमी लंबे 1794.37 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे फोरलेन पुल परियोजना की समीक्षा के बाद दिया.
Bihar News: बिहार के पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने बुधवार को पटना (Patna) में गंगा नदी (Ganga River) पर महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) के समानांतर बनने वाले पुल का निर्माण कार्य अगले महीने शुरू करने का अधिकारियों और ठेकेदारों को निर्देश दिया है. यह निर्देश उन्होंने गायघाट स्थित परियोजना स्थल पर 14.50 किमी लंबे 1794.37 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे फोरलेन पुल परियोजना की समीक्षा के बाद दिया.
इस बैठक में क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव, महापौर सीता साहू, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के अलावा विभागीय पदाधिकारी शामिल हुए.मंत्री मंगल पांडेय ने पुल का निर्माण जल्द शुरू करने के बाद निर्धारित 42 माह में पूरा करने का निर्देश दिया है. इस पुल के लिए भूमि अधिग्रहण हो चुका है.
इसमें आठ लेन का फ्लाइओवर,1565 मीटर लंबा फोरलेन एलिवेटेड कॉरिडोर, नौ बॉक्स कलवर्ट पुलिया, 12 मीटर स्पेन के तीन और 24 मीटर स्पेन का एक अंडरपास बनेगा. इसमें 23 पाया बनाया जायेगा जिसमें दो पायों के बीच की दूरी करीब 242 मीटर होगी. निर्माण के बाद अगले दस वर्षों तक पुल के रख-रखाव की जिम्म्मेवारी संबंधित ठेकेदार की होगी.
आठ लेन का होगा एप्रोच रोड
नये पुल के साथ आठ लेन का एप्रोच रोड भी होगा जो पटना के जीरो माइल से शुरू होकर हाजीपुर (वैशाली) के बीएसएनएल चौक तक जायेगा. प्रस्तावित पुल परियोजना और उसका एप्रोच रोड पटना के अलावा सारण और वैशाली जिले के अंतर्गत पड़ता है. गांधी सेतु के समानांतर बनने वाला यह पुल प्रधान मंत्री पैकेज का हिस्सा है. विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था. इस पुल के बनने से गंगा नदी के उत्तर और दक्षिण स्थित जिलों में उद्योग, पर्यटन, व्यापार और वाणिज्य का विकास होगा. साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.