आनंद तिवारी की रिपोर्ट
पीएमसीएच समेत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज को पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजनों को मास्क नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. सोशल डिस्टैंसिंग जैसे कोरोना से बचाव के नियम का पालन नहीं करने पर ओपीडी में इंट्री नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं मरीज, उनके परिजन या फिर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें उपद्रवी करार दिया जायेगा. ऐसे लोगों को सबसे आखिरी में इलाज किया जा सकता है या फिर अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों द्वारा फटकार भी लगायी जा सकती है. वहीं, अगर सामान्य मरीज बिना मास्क के अस्पताल में पहुंचता है, तो उसे नो ट्रीटमेंट लिस्ट में भी डाला जा सकता है.
जानकारी के अनुसार शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गर्दनीबाग, गार्डिनर रोड अस्पताल समेत जिले के सभी पीएचसी में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. इनमें कुछ मरीज बिना मास्क के आते हैं तो अधिकांश मरीज मास्क तो पहने होते हैं, लेकिन उनका मास्क मुंह व नाक ढके होने के बजाय दोनों कान व गर्दन में ही झूलता रहता है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर सिविल सर्जन ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज व पीएचसी अस्पतालों को संबंधित नियम का पालन कराने का निर्देश जारी किया है.
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दिल्ली, मुंबई, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में कोविड के बढ़ते मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
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कोरोना से बचाव का नियम नहीं टूटे, इसके लिए अस्पताल प्रबंधक इसका ध्यान रखेंगे
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ओपीडी व ऑपरेशन थियेटर के अंदर कोविड नियमों को अनदेखा किया, तो इलाज में बाधा हो सकती है
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बार-बार नियम तोड़ने वाले माने जायेंगे उपद्रवी
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बिना मास्क के डॉक्टर चेंबर में जायेंगे, तो नो ट्रीटमेंट लिस्ट में डाले जा सकते हैं या सबसे अंत में इलाज होगा
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि महानगरों में कोरोना मरीजों की संख्या में फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है. इसको देखते हुए सभी पीएचसी व मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टरों को अलर्ट किया गया है. अधिक से अधिक टेस्ट कराने के साथ ही सही तरीके से मास्क व सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने का निर्देश जारी किया गया है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha