Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर. कंपनीबाग स्थित इंदिरा पार्क के सौंदर्यीकरण में घोटाले का ऑटो टिपर बाधक बन गया है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. स्मार्ट सिटी ने चयनित कंस्ट्रक्शन एजेंसी को एलओए भी इश्यू कर दिया है. इसमें 134.45 लाख रुपये खर्च का प्रस्ताव है. लेकिन, परिसर में खड़ा टिपर के कारण फिलहाल निर्माण व सौंदर्यीकरण का काम नहीं शुरू हो सकता है.
स्मार्ट सिटी कंपनी के साथ नगर निगम के अधिकारियों के लिए अब यह मसला सिर दर्द बन गया है. हालांकि, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने इसके लिए शनिवार को मुजफ्फरपुर विशेष निगरानी न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जब्त टिपर को पार्क के अंदर से हटा दूसरे जगह रखने या फिर नीलामी कर आपूर्तिकर्ता एजेंसी पर बकाया किराये की लगभग एक करोड़ रुपये वसूली करने की अनुमति देने का आग्रह किया है.
नगर आयुक्त ने बताया कि टिपर जब तक पार्क से नहीं हटेगा, निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता है. 3.85 करोड़ रुपये के 50 ऑटो टिपर खरीद घोटाले में निगरानी विभाग ने मेयर सुरेश कुमार सहित तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, एडीएम रंगनाथ चौधरी सहित 10 को नामजद अभियुक्त बनाया था. सभी के खिलाफ निगरानी कोर्ट में दोषी मानते हुए निगरानी ब्यूरो ने चार्जशीट भी दायर कर दिया है.
2018 से पार्क के अंदर रखा है टिपर, बन चुका है कबाड़
इंदिरा पार्क व नगर आयुक्त के आवासीय कैंपस में 50 टिपर 2018 से ही रखा है. खुले आसमान के नीचे एक ही जगह खड़ा-खड़ा सभी ऑटो टिपर अब कबाड़ बन गया है. अधिकतर टिपर की बैटरी सहित महत्वपूर्ण पार्ट-पुर्जे की चोरी हो गयी है.
बीते साल एजेंसी ने जब घोटाले की लगभग पौने दो करोड़ राशि नगर निगम को वापस कर दी थी, तब टिपर वापस ले जाने की अनुमति मांगी थी. नगर निगम ने इसके लिए एनओसी दे दिया था, लेकिन कोर्ट ने जब्त टिपर को रिलीज करने से पूर्व 3.85 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी जमा करने का आदेश आपूर्तिकर्ता पटना की मौर्या मोटर्स एजेंसी को दिया था. इसके बाद एजेंसी ने टिपर वापस ले जाने से हाथ खड़े कर दिये हैं.
टिपर पार्क के सौंदर्यीकरण में बना है बाधक
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि लगभग चार साल से टिपर इंदिरा पार्क में खड़ा है, जिसका रेंट वसूली के लिए एजेंसी को नोटिस किया जा चुका है. एजेंसी पर जमीन रेंट का लगभग एक करोड़ रुपये बकाया हो गया है. ऐसे में वसूली के लिए नगर निगम जब्त टिपर की नीलामी करेगा. इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गयी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha