बिहार के दरभंगा जिले से मॉब लिंचिंग की एक सनसनखेज घटना सामने आयी है. एसएच-75 के किनारे गोपालपुर रेल गुमटी के समीप महादेव मंदिर के पुजारी महेश शरण को गांव के 10 बच्चों की तस्करी के आरोप में कुछ लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. घटना की सूचना मिलने पर बीच-बचाव करने पहुंचे पुलिस बल पर पथराव कर दिया. पथराव में एक पुलिस कर्मी व एक चौकीदार के चोटिल हो गये. पुजारी को भीड़ से बचाकर पुलिस थाना ले आयी.
बताया जाता है कि गलतफहमी में पुजारी मॉब लिंचिंग का शिकार हो गये. कुछ स्थानीय प्रबुद्धजन व पुलिस की तत्परता से अनहोनी टल गयी. घटना शनिवार की है. बताया जाता है कि गांव के मनोज चौपाल के पुत्र धीरज कुमार, रघुवीर चौपाल के पुत्र धनराम कुमार, मोहन चौपाल के पुत्र नीरज कुमार, मनोहर चौपाल के पुत्र निरंजन कुमार, लालबाबू चौपाल के पुत्र आकाश कुमार, जमाहर चौपाल के पुत्र दुर्गानंद कुमार, विजय चौपाल के पुत्र सिवा कुमार, उमेश चौपाल के पुत्र राम कुमार और लक्षमण कुमार को शनिवार को महादेव मंदिर के पुजारी द्वारा कहीं ले जाया जा रहा था.
करीब दो किलोमीटर दूर माधोपट्टी में किसी ग्रामीण की नजर पुजारी के साथ बच्चों पर पड़ी. उसने गांव पहुंचकर मन्दिर के पुजारी द्वारा बच्चों को गायब कर देने की बात कही. यह बात गांव में जंगल की आग की तरह फैल गयी. देखते ही देखते दर्जनों लोग माधोपट्टी पहुंच गए. लोग पुजारी व बच्चे को पकड़ कर गोपालपुर गांव ले आये. बच्चा चोरी का आरोप लगा उसकी जमकर पिटाई करने लगे. समय बीतने के साथ ही पुजारी की पिटाई करने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. पुजारी को भीड़ से बचाकर मंदिर में बंद कर दिया.
इस बीच लोगों की भीड़ ने कई बार मंदिर का गेट तोड़ने व छप्पर तोड़कर मन्दिर के अंदर घुसने का प्रयास किया. इस बीच पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी. पुजारी को कब्जे में लेकर थाना भेज दिया. इससे पुजारी की जान बच गयी. इसके बाद आक्रोशित लोग पुलिस पर पथराव करने लगे. पुजारी की पहचान मधुबनी जिला अंतर्गत अन्धरामठ के बरुआर निवासी शत्रुघ्न झा के पुत्र महेश शरण के रूप में की गयी है. उसको गांव के ही डब्ल्यू झा ने अपने मंदिर में बतौर पुजारी दो वर्ष से रखा है.
इस सम्बंध में पुजारी ने बताया कि सभी बच्चे मेरे मन्दिर में रोज आते हैं. ये बच्चे रोज मन्दिर की साफ-सफाई भी करते हैं. शनिवार को इन बच्चों के साथ लेकर माधोपट्टी स्थित महादेव मंदिर दर्शन करने जा रहा था. यह कोई पहली बार नहीं था. बच्चों के साथ बराबर वहां घूमने के लिए जाया करता था. इसी क्रम में आज भी जा रहा था. किसी ने बच्चा चोरी की अफवाह फैला दी.
बिना कुछ जाने-समझे लोग पिटाई करने लगे. प्रबुद्ध ग्रामीण व पुलिस की तत्परता से जान बची है. इस संबंध में थानाध्यक्ष सरवर आलम ने बताया कि प्रथम दृष्टया पुजारी अफवाह का शिकार हुआ मालूम पड़ता है. पुजारी को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. पुजारी के तथाकथित कब्जे वाले सभी बच्चे पांच से 10 वर्ष बताये गये हैं.
Posted By: Utpal Kant