Bihar News: बिहार में संविधान पर संग्राम, ‘सेक्युलर’ शब्द पर छिड़ा विवाद, आमने -सामने भाजपा और जदयू

Bihar News: बिहार की राजनीति में अब संविधान के "सेक्युलर" शब्द को लेकर नया विवाद छिड़ गया है. जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने संविधान से "सेक्युलर" शब्द हटाने की मांग कर दी. अजय आलोक ने सेक्यूलर शब्द को कलंक करार दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2022 6:28 PM

बिहार की राजनीति में अब संविधान के “सेक्युलर” शब्द को लेकर नया विवाद छिड़ गया है. जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने संविधान से “सेक्युलर” शब्द हटाने की मांग कर दी. जिसके बाद सूबे की सियासत गरमा गयी है. अजय आलोक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर दी कि वो संविधान से “सेक्युलर” शब्द को इस मानसून सत्र में हटा दें. विपक्ष की मौजूदगी में इसे हटाने की मांग की गयी. अजय आलोक ने सेक्यूलर शब्द को कलंक करार दिया.

जदयू के पूर्व प्रवक्ता ने किया ट्वीट

इसके लिए अजय आलोक ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया और उस ट्वीट में पीएमओ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए अपनी बात कही. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “सेक्युलर” शब्द संविधान में विपक्ष की गैरमौजूदगी में जोड़ा गया था, मगर उनकी मौजूदगी में हटा दीजिए. पूरा देश देखना चाहेगा कि इस शब्द को हटाने का विरोध कौन कर रहा है. खुलकर सामने आना चाहिए ऐसे लोगों को.

देश में कोई “सेक्युलर” नहीं-अजय आलोक

अजय आलोक ने ये भी कहा कि इस देश में कोई ‘सेक्युलर’ नहीं है; सभी अपने धर्म में आस्था रखते हैं और पूजा, इबादत, प्रार्थना करते हैं. सिर्फ कट्टरवादी चाहते हैं सेक्युलरिज्म की आड़ में दूसरे धर्म के लोगों को निशाना बनाया जाए. इसमें पहले निशाने पर हिंदू हैं; जो दूसरे धर्म का सम्मान करते हैं. संभल जाओ सब लोग.

संविधान से “सेक्युलर” शब्द हटाने की हो रही मांग

आपको बता दें कि अजय आलोक ने उस स्थिति का उल्लेख किया है जब ‘सेक्युलर’ शब्द संविधान में बाद में जोड़ा गया था. भारत के संविधान की प्रस्तावना तैयार करने के दौरान इसमें ‘सेक्युलर’ शब्द का ज़िक्र नहीं किया था. वर्ष 1976 में इमरजेंसी के दौरान प्रस्तावना में संशोधन किया गया, जिसमें ‘सेक्युलर’ शब्द को शामिल किया गया था. लेकिन विपक्ष के अनुपस्थिति में संविधान में ‘सेक्युलर’ शब्द जोड़ा गया था. विपक्ष की गैरमौजूदगी में तत्कालीन सरकार ने इसे संविधान में जोड़ा था. ‘सेक्युलर’ शब्द संविधान में बाद में जोड़ा गया और यही कारण है कि कई बार विभिन्न इलाकों से इसे हटाने की मांग की जाती रही है.

बीजेपी प्रवक्ता की प्रतिक्रिय

बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने जदयू के पूर्व नेता की इस मांग पर कहा की तुष्टिकरण की राजनीति के लिए संविधान में ‘सेक्युलर’ शब्द जोड़ा गया था और इसको जल्द से जल्द हटा देना चाहिए; इसी में देश और समाज की भलाई है. हालांकि; इस मामले पर भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू की राय थोड़ी अलग है.

जदयू को आपत्ति

जदयू को इस बात पर आपत्ति है कि संविधान से ‘सेक्युलर’ शब्द हटाया जाए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा की संविधान में जब ‘सेक्युलर’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है तो उसे हटाने का कोई औचित्य नहीं है.

Next Article

Exit mobile version