Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में अब डीजल बसें नहीं चलेंगी. पटना शहरी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से पटना नगर निगम, दानापुर ,खगौल और फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में शनिवार की देर रात से डीजल सिटी बसों का परिचालन बंद हो जायेगा. इसको लेकर परिवहन विभाग ने मार्च महीने में अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद शुक्रवार की देर रात तक विभाग की ओर से कोई नया निर्देश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में यह उम्मीद है कि शनिवार से पटना, दानपुर, फुलवारीशरीफ व खगौल में डीजल बसों का परिचालन बंद हो जायेगा. वहीं, दूसरी और गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में भी शनिवार की मध्य रात्रि से डीजल से चलने वाली सभी तीनपहिया गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा. इस संबंध में विभाग ने शुक्रवार को निर्देश जारी करते हुए मुजफ्फरपुर और गया के डीटीओ को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का शक्ति से पालन कराते हुए डीजल से चलने वाले ऑटो का परिचालन पूरी तरह से बंद कराएं.
राज्य में शनिवार की आधी रात के बाद से पटना शहरी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली सिटी बसों पर रोक लगा दी जाएगी. परिवहन विभाग की अधिसूचना के अनुसार 30 सितंबर की आधी रात के बाद पटना नगर निगम के साथ दानापुर खगौल और फुलवारीशरीफ में डीजल चालित सिटी बसें नहीं चलाई जाएंगी. विभागीय निर्देश को देखते हुए जिला परिवहन कार्यालय ने भी डीजल बसों के परिचालन पर रोक लगा दी है. रविवार यानी एक अक्टूबर से पटना शहरी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली सिटी बसों पर रोक लग जाएगी. परिवहन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, 30 सितंबर के बाद पटना नगर निगम के साथ दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में डीजल चालित सिटी बसें नहीं चलाई जाएंगी. हालांकि, इससे आम लोगों को सफर करने में फर्क पड़ेगा. लेकिन, डीजल बसें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. इसलिए, इन बसों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है.
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फिलहाल, राजधानी में लक्ष्य के अनुरूप नई सीएनजी बसों का परिचालन शुरू नहीं हो सका है. डीजल चालित ऑटो पर पहले से रोक है. इसका कारण प्रदूषण है. प्रदुषण को देखते हुए परिवहन विभाग ने पहले ही पटना शहरी क्षेत्र में डीजल चालित ऑटो पर रोक लगा रखी है. पटना, फुलवारीशरीफ, दानापुर और खगौल में डीजल से चलने वाले आटो पर पूर्णत: प्रतिबंध है. इसकी जगह सीएनजी और बैट्री चालित आटो को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है.
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मालूम हो कि अगले दो दिन प्रदेश में अवकाश है. ऐसे में विभाग के स्तर से समय-सीमा बढ़ाए जाने की आशंका कम है. विभाग ने डीजल सिटी बसों की जगह सीएनजी बसों को बढ़ावा देने की योजना को बनाया है. सिटी बस प्रोत्साहन योजना के तहत सिर्फ पटना जिले में 121 लाभुकों का चयन किया गया है. बता दें कि सीएनजी बसों के लिए तीस प्रतिशत एवं अधिकतम साढ़े सात लाख रुपये तक अनुदान भी दिया जाएगा. इसके लिए आवेदन भी मांगे गए है. इस कारण सार्वजनिक सुरक्षा एवं सुविधा के दृष्टिकोण से ऐसे वाहनों का परिचालन चरणबद्ध ढंग से रोका जाएगा. डीजल चालित बसों पर रोक का आदेश तीस सितंबर की मध्य रात्रि से लागू होने वाला है.
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बिहार में अब एक अक्टूबर से नए नियमों का पालन कराया जाएगा. डिजल से संचालित होने वाली बसों को पटना और आसपास के शहरी इलाकों में बंद कर दिया जाएगा. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए परिवहन विभाग ने मार्च में ही इसकी अधिसूचना जारी की थी. यह अब रविवार से लागू हो जोगा. इसमें कहा गया है कि डीजल से चलने वाली सिटी बसों से तुलनात्मक रूप से अधिक प्रदूषित गैस का उत्सर्जन होता है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. विभागीय आदेश के कारण जिला परिवहन कार्यालय ने भी डीजल बसों के परिचालन पर रोक की तैयारी शुरू की है. रविवार से डीजल बसों पर रोक लगा दिया जाएगा. साथ ही ऑटो के परिचालन पर भी अब असर पड़ेगा.