बिहार के भागलपुर के विजयीपुर में गुरुवार को एक साथ तीन लोगों मौतों की खबर जैसी प्रशासन को मिली कि आनन-फानन में जिले का पूरा प्रशासनिक अमला विजयीपुर की तरफ कूच कर गया. सबसे पहले हथुआ के एसडीओ अनिल कुमार रमण, एसडीपीओ नरेश कुमार और मीरगंज इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह विजयीपुर में शिवदत्त छापर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने जांच शुरू की. इसके कुछ ही देर बाद डीएम डॉ नवलकिशोर चौधरी, एसपी आनंद कुमार, उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार विजयीपुर पहुंच गये.
डीएम और एसपी ने सबसे पहले ग्रामीणों से बात की. इसके बाद डीएम ने तत्काल गांव में मेडिकल टीम को बुलाने का निर्देश दिया. कटेया के बीडीओ राकेश कुमार चौबे को मृतक केदार यादव के गांव भेजा गया, जहां बीडीओ ने उनके परिजनों से बात की और पूरे मामले की जांच की. डीएम और एसपी ने संयुक्त रूप से खनुआ नदी के किनारे जल रहे चिता को भी देखा. उन्होंने शव को आनन-फानन में जलाने का कारण भी जानने की कोशिश की. परिजनों द्वारा बताया गया कि दोनों बीमार थे.
27 घंटे के अंदर छह लोगों की हुई मौत के बाद प्रशासन काफी सतर्क दिख रहा है या यूं कहें कि प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. छह मौतों के बाद अब गोपालगंज के डीएम ने आदेश दिया है कि भोरे और विजयीपुर प्रखंड क्षेत्र के किसी हिस्से में अगले चार दिनों के अंदर किसी की मौत होती है, तो इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी.
बता दें कि दो दिनों में छह लोगों की मौत होने के बाद खनुआ नदी के किनारे मामले की जांच करने पहुंचे डीएम ने मौके पर विजयीपुर की कुछ आंगनबाडी सेविका और आशा को बुलाया, जहां मौजूद दोनों प्रखंडों अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि अगले चार दिनों के अंदर अगर भोरे और विजयीपुर में किसी भी व्यक्ति की मौत होती है, तो संबंधित क्षेत्र की आशा और आंगनबाड़ी सेविका इसकी सूचना प्रशासन को देंगी. मौत के कारणों की जांच प्रशासन द्वारा की जायेगी.
शिवदत छापर और खुटहां में तीन लोगों की मौत के बाद गुरुवार को भी भोरे से मेडिकल टीम को विजयीपुर बुला लिया गया. मेडिकल टीम के साथ साथ एंबुलेंस को भी मंगाया गया था. बताया जा रहा है कि तीन लोगों की मौत और कुछ लोगों के बीमार होने की खबर जैसे ही प्रशासन को मिली, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गांव में मेडिकल टीम को बुला लिया.
भोरे रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ खाबर इमाम अपनी पूरी मेडिकल टीम के साथ विजयीपुर के शिवदत्त पर पहुंचे, जहां डीएम के आदेश पर गांव में जाकर सबसे पहले मृतक के परिजनों की मेडिकल जांच की गयी. उसके बाद गांव के अन्य लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की गयी. डॉ इमाम ने बताया कि गांव के लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गयी, जिसमें कोई संदिग्ध नहीं मिला.
Posted by: Radheshyam Kushwaha