Bihar News: दिवाली व छठ को लेकर बिहार के बाहर रह रहे लोगों ने प्रदेश की ओर लौटना शुरू कर दिया है. लेकिन, ट्रेनों में भीड़ होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग स्लीपर कोच में भी घंटों खड़े रह कर वापस लौट रहे हैं. वहीं, जनरल कोच की स्थिति भयावह है. इसके टॉयलेट में भी पैर रखने की भी जगह नहीं है.
महापर्व छठ पूजा में शामिल होने की जद्दोजहद सोमवार को पटना जंक्शन पर दिखी. दोपहर 12.59 बजे मुंबई से आ रही भागलपुर एसएफ एक्सप्रेस रुकी. कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं थी. ट्रेन में लोग शौचालय में भी बैठे नजर आए. शौचालय के अंदर एक दो नहीं आठ-आठ लोग बैठे दिख रहे थे. स्लीपर बोगी में सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि कुछ लोग जनरल बोगी का टिकट लेकर स्लीपर में घुस जा रहे.
ट्रेन में नीचे चादर बिछाकर सोने को मजबूर हैं यात्री
बता दें कि, स्लीपर बोगी में एक सीट पर चार-चार यात्री सोये थे. सीट के नीचे अपने सुविधानुसार लोग चादर कंबल बिछा के सोये हुए थे. लोगों को आने जाने में समस्या हो रही थी. सफर कर रहे एक यात्री ने बताया कि हमलोग लंबी दूरी तय कर पटना आ रहे हैं. टिकट और कन्फर्म सीट होने के बावजूद 30 घंटे खड़े होकर सफर किए है. अंदर बैठने का छोड़िए खड़े होने का भी जगह नहीं है.
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कोई गैलरी में बैठा है, तो कोई टॉयलेट में कर रहा सफर
आलम यह है कि कोई गैलरी में बैठा है, तो कोई टॉयलेट के दरवाजे के पास खड़े होकर सफर कर रहा है. जिसको यहां भी जगह नहीं मिली वह पंखों में कपड़े बांध लटक कर सफर करने को मजबूर है. इसी स्थिति में दिल्ली से आ रही मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी. जिसमें यात्री दो पंखे में कपड़ा बांध कर उसमें लटककर सफर कर रहा था. जो खतरा से काम नहीं है.
100 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें फिर भी समस्या
हालांकि, रेलवे छठ और दिवाली को लेकर 100 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चला रहा है. कई प्रकार का विशेष व्यवस्था किया है ताकि यात्रियों को असुविधा न हो. लेकिन, यात्रियों ने बताया कि, ये सब चीज बस कागजों पर है हकीकत में कोई व्यवस्था नहीं है. किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं मिल रहा. यात्रियों को जनरल टिकट लेकर मजबूरी में स्लीपर में घुसना पड़ रहा है. जिससे कन्फर्म टिकट वालों को भी काफी समस्या हो रही है.
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