बिहार शिक्षा विभाग विद्यालय से वंचित बच्चों को करेगी चिन्हित, जानिए मतदाता सूची की सहायता से कैसे होगा सर्वे..

Bihar News: बिहार में अब स्कूल से वंचित बच्चों को शिक्षा विभाग चिन्हित करेगी. साथ ही अब मतदाना सूची की मदद से इनका सर्वे किया जाएगा. शिक्षा विभाग कार्यालय की टीम अब वंचित बच्चों की पहचान करेगी.

By Sakshi Shiva | October 9, 2023 11:30 AM

Bihar News: बिहार में अब स्कूल से वंचित बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से चिन्हित किया जाएगा. साथ ही अब मतदाना सूची की मदद से इनका सर्वे होने जा रहा है. शिक्षा विभाग कार्यालय की टीम अब वंचित बच्चों की पहचान करेगी. स्कूल के बाहर रहने वाले बच्चों का अब राज्य में डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा. छह से 14 और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चों का राज्य में सर्वे होने जा रहा है. एचएम सर्वेक्षण की रणनीति बनाएंगे. साथ ही इस रणनीति को शिक्षकों को सौंपा जाएगा. नौ से 25 अक्टूबर तक होने वाले सर्वे में जिला स्तर पर कोर कमेटी को गठित किया जाएगा. राज्य में अब स्कूलों से वंचित बच्चों का नामांकन कराकर इन्हें सापेक्ष दक्षता दिलाई जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से कैलेंडर तैयार किया गया है. इस मामले में राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी ने डीईओ अनिल कुमार को पत्र भेजा है और कार्रवाई को लेकर निर्देश दिया गया है.


वोटर लिस्ट की सहायता से होगा सर्वे..

सर्वेक्षण कार्य के लिए हेल्प डेस्क तैयार किया जाएगा. सर्वे के लिए शिक्षक स्कूल के पोषक क्षेत्र के वोटर लिस्ट की सहायता लेंगे. इसके अलावा स्कूल, बीआरसी व जिला स्तरीय कोर कमेटियों का गठन किया जाएगा. माता- पिता या अभिभावक साथ ही घर के अन्य सदस्य, स्थानीय जन प्रतिनिधि बच्चों को स्कूल आने के लिए प्ररित करेंगे. सरकार की योजना के प्रसार के लिए विद्यालय शिक्षा समिति के साथ अन्य लोगों की मदद ली जाएगी. विद्यालय से बाहर के बच्चों के सर्वेक्षण से संबंधित आकड़े की जानकारी शिक्षा विभाग की ओर से आम सभा में रखी जाएगी.

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रेलवे स्टेशन पर भी बच्चों की होगी पहचान..

जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि स्कूल के बच्चों का सर्वे करा कर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना ही सर्वे कार्य की प्राथमिकता है. विभाग की ओर से जारी तिथियों के अनुसार सभी कार्य किए जाएंगे. बीआरसी और जिला स्तर पर सर्वेक्षण के काम पर पैनी नजर रखी जाएगी. घर- घर जाकर भम्रण करने के लिए एचएम के साथ ही प्रधान शिक्षक भी ठोस रणनीति तैयार करेंगे. एचएम के नेतृत्व में सभी शिक्षकों के बीच पोषक क्षेत्र का बंटवारा किया जाएगा. विभार के अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में बच्चों का सर्वे करना जटिल काम है. रेलवे स्टेशन, मंदिर- मस्जिद, चौक चौराहे आदि जगहों पर बच्चों की पहचान की जाएगी. ऐसे बच्चों की पहचान के लिए डीईओ के नेतृत्व में रणनीति बनाने का आदेश है.

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वैज्ञानिक रुचि के स्थानों का बच्चे करेंगे भ्रमण

इधर, राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ ही बच्चोंं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं. स्कूलों में तैयार किये गये साइंस क्लब बच्चों को वार्षिक कैलेंडर के अनुसार पूरे साल विभिन्न गतिविधियां आयोजित करेगा. इसके तहत बच्चों को वैज्ञानिक रुचि के स्थानों का भ्रमण भी कराया जायेगा. भ्रमण के बाद बच्चों से स्थल से जुड़ी प्रशोनत्तरी प्रतियोगिता व फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की जायेगी. इसके अलावा विज्ञान क्लब की ओर से वैज्ञानिक विषयों पर निबंध प्रतियोगिता, व्याख्यान, वाद-विवाद, सेमिनार और संगोष्ठी का आयोजन करेगा. स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत कार्य योजना तैयार की जायेगी. इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रति विद्यालय की दर से दो हजार रुपये खर्च करने का प्रावधान है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से राज्य के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को अभियान की शुरुआत करने का निर्देश दिया है.

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‘मेरी माटी मेरा देश अभियान’ की शुरुआत

वहीं, आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मेरी माटी मेरा देश अभियान की शुरुआत की गयी है. अभियान के दूसरे चरण में बच्चों को देश के वीरों और वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से विशेष गतिविधियां आयोजित की जायेंगी. दूसरे चरण में दिल्ली में अमृत वाटिका के निर्माण के लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घर से मिट्टी एकत्र की जायेगी. जहां मिट्टी उपलब्ध नहीं होगी वहां से चावल के दाने को एकत्र किया जायेगा. इस अवसर पर स्कूली बच्चों को देश के प्रति प्रतिबद्धता बनाये रखने के लिए संकल्प भी लिया जायेगा.

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