पटना हाई कोर्ट ने भागलपुर की एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से कथित तौर पर रंगदारी मांगने और रंगदारी नही देने पर जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य मुद्दों पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 1 मार्च तक जवाब -तलब किया है.
जस्टिस पार्थ सारथी की एकलपीठ ने पीड़ित महिला डॉ संगीता मेहता द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया . याचिकाकर्ता ने 3 अगस्त, 2020 को इस मामले में आरोपित अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह के विरुद्ध भागलपुर के जिला बार एसोसिएशन के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी. इस मामले में एसोसिएशन द्वारा जवाब दिया गया कि उक्त अधिवक्ता का लाइसेंस अनुसाशनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया गया है.
याचिकाकर्ता ने यह याचिका दायर कर अपने और अपने परिवार के लोगों की जान माल की रक्षा के लिये उचित निर्देश संबंधित पुलिस अधिकारी को देने का कोर्ट से आग्रह किया है. उनका कहना है कि उक्त अधिवक्ता द्वारा विभिन्न अधिकारियों के समक्ष उनके विरुद्ध बहुत सी शिकायतें दर्ज कराई गई और विभिन्न विभागों के द्वारा याचिकाकर्ता के क्लिनिक में जांच की गई, जिससे वह अपने को अपमानित महसूस करती हैं इस गलत कार्य से उनकी छवि कलंकित हो रही है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सरोज कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध भागलपुर के एस एस पी, जिलाधिकारी व डी आई जी के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, किन्तु जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं कि गई. इसके बाद याचिकाकर्ता ने देश के राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत की, शिकायत को भागलपुर के ग्रीवांस सेल में भेजा गया. बाद में आरोपित के विरुद्ध स्थानीय पुलिस द्वारा प्राथमिकी तो दर्ज की गई लेकिन जमानतीय धाराओं में. कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता से 50 लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई थी तथा कहा गया कि अगर यह पैसा नही दिया जाता है तो इसका गंभीर परिणाम उसे और उसके परिवार को भुगतना पड़ेगा . कोर्ट को बताया गया कि अरोपीत के विरुद्ध स्थानीय लोगों द्वारा भी अनेक एफ आई आर दर्जे करवाये गए हैं.