बिहार: किसानों को खेती के लिए 16 घंटे मिलेगी बिजली, कृषि कार्य के लिए डीजल अनुदान, जानें इससे क्या होगा फायदा
Bihar News: बिहार में किसानों को खेती के लिए 16 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही कृषि कार्यों के लिए डीजल अनुदान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने किसानों को डिजल अनुदान देने के काम में तेजी लाने का आदेश दिया है.
Bihar News: बिहार में किसानों को खेती के लिए 16 घंटे बिजली मिलने वाली है. बता दें कि कम वर्षा होने वाले क्षेत्र में खेती के लिए अब 16 घंटे बिजली दी जाएगी. राज्य के मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिया है. इसके पहले मुख्यमंत्री ने कम वर्षा से सामने आई परिस्थिति की समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को किसानों को हर संभंव मदद करने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि किसानों को कृषि कार्यों के लिए डीजल अनुदान देने के कार्य में तेजी लाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में कम बारिश हुई है. उन क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए.
पटवन में सहूलियत के लिए सरकार का फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कम बारिश वाले क्षेत्रों में कृषि कार्य के लिए कम से कम 16 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने का अधिकारियों को आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि कृषि कार्य के लिए किसानों को डीजल अनुदान की राशि वितरण में और तेजी लायें. बता दें कि इससे किसानों को पटवन में सहूलियत हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने यह बातें एक अणे मार्गस्थित ”संकल्प” में कम बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के बाद अधिकारियों से कहीं है. उन्होंने किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.
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पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का आदेश
इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पथ, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कृषि विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार मौजूद रहे. बैठक में मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करायें. सभी चापाकल फंक्शनल रहे और नये चापाकल लगाने का कार्य एक सप्ताह के अंदर पूरा करें. सीएम ने कहा कि सभी संबद्ध विभाग पूरी तरह अलर्ट रहें और बारिश व परेशानी की स्थिति पर नजर बनाये रखें. बैठक में मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सप्ताहिक बैठक नियमित रूप से हो रही है. कम बारिश से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं. इस बैठक में किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही कृषि कार्य के लिए किसानों को डीजल अनुदान की राशि वितरण में तेजी लाने का निर्देश है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले भी मानसून सीजन में सूबे में कम बारिश होने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कृषि कार्य में सहूलियत के लिए किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. अधिकारियों से कहा कि किसानों को डीजल अनुदान सहित 12 घंटे बिजली आपूर्ति कराएं. वहीं, अब सीएम ने 12 घंटे के बदले 16 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. धान रोपनी समय पर हो जाए, इसके लिए जल संसाधन विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग सिंचाई के लिए आवश्यक प्रबंध करे इसका भी आदेश है. मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को नहरों के अंतिम छोर तक कृषि के लिए पानी पहुंचाने और इसकी मॉनीटरिंग करने का आदेश दिया था. अधिकारियों को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भी स्थिति पर नजर बनाए रखने का आदेश है.
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कृषि 75 प्रतिशत लोगों के जीवन का आधार
सीएम ने यह भरोसा दिलाया है कि संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी. साथ ही कहा है कि राज्य के खजाने पर पहला आदेश पीड़ितों का है और राज्य के 75 प्रतिशत लोगों के जीवन का आधार कृषि ही है. वहीं, बता दें कि राज्य में किसानों को बारिश का इंतजार है. इस साल सामान्य से कम बारिश हुई. इस परिस्थिति ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है. वहीं, नेपाल और उत्तर भारत में हुई बारिश से नदियों का जलस्तर जरुर बढ़ा है. इस कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. लेकिन, किसानों को खेती के लिए पर्याप्त वर्षा की जरुरत है. यह इस साल नहीं हुई है. वहीं, धान की रोपनी भी कम हुई है.