पूर्णिया: रविवार को हुई बारिश से जहां आम लोगों को ऊमस भरी गर्मी से राहत मिली है वहीं किसानों के मुरझाये चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है. बारिश नहीं होने से गर्मी और ऊमस ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया था. रात से ही आसमान में बादल छाए हुए नजर आ रहे थे. सुबह शुरू हुई बारिश करीब एक घंटे तक हुई. पूरा शहर बरसाती पानी से लबालब हो गया.
शहर में बारिश के कारण सड़कों पर जगह-जगह जल भराव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए यह बारिश सौगात से कम नहीं रही. इसके चलते तापमान में काफी कमी आयी और लोगों को गर्मी से राहत मिली.बारिश से मौसम भी सुहाना हो गया है. रविवार को हुई मूसलाधार बारिश से पूरा शहर पानी-पानी हो गया. गली-मुहल्लों में घूटने भर पानी घुस गया है. समाहरणालय में भी पानी लबालब भरा हुआ है. मुहल्लों में नाले का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है. कई जगहों पर घरों में पानी घुस चुका है. गली-मोहल्ले की सड़कों पर पानी लग गया जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जलनिकासी की सुविधा से वंचित मोहल्लों में एक से डेढ़ फीट तक पानी लग गया. कई जगह नालों का पानी सड़कों पर बहने लगा और लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया. शहर के मधबुनी, नवरतनहाता, माधोपाड़ा, जयप्रकाश नगर, सिपाही टोला, रामबाग सहित कई अन्य मोहल्लों में पानी घुस गया है. नेवालाल चौक से रजनी चौक जाने वाली सड़क पर सुदीन चौक के समीप एक से डेढ़ फीट पानी लग गया है और आम लोगों को उस रास्ते से गुजरने में काफी परेशानी हो रही है.
बारिश से शहर के विभिन्न मुहल्लों में जहां जलजमाव की समस्या हो गयी है तो वहीं निगम सफाई कर्मचारियों के हड़ताल के कारण बाजारों में जगह-जगह कचरा पसरा हुआ है. हालांकि लंबे समय से चिलचिलाती धूप के बाद रविवार को हुई मूसलाधार बारिश ने आम लोगों को जहां तेज गर्मी से खासी राहत पहुंचाई.
वहीं, धान की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश राहत बनकर बरसी है. इसके चलते किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. अमृत बनकर गिरे पानी से खेत लबालब भर गये हैं. दरअसल, पानी के अभाव में धान के बिचड़े सूखने लगे थे. बारिश नहीं होने से हाहाकार मचा था. विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की दयनीय स्थिति के चलते धान की फसल मुरझाने लगी थी. इस दौरान आकाश में कई बार बादल छाए, लेकिन कहीं बूंदाबांदी के अलावा कुछ नहीं हुआ. रविवार को मौसम ने करवट ली. झमाझम बारिश हुई. इस बारिश से धान की फसल को थोड़ा फायदा पहुंचा है. किसान धनंजय मंडल, सोनू मेहता आदि की मानें तो खेतों में पटवन करना महंगा पड़ रहा था. बारिश नहीं होने से धान की फसलें तेज धूप के कारण पीले पड़ने लगे थे. यह बारिश संजीवनी का काम करेगी.