बिहार समेत पूरे देश में 1 जुलाई से तीन नए कानून लागू हो गए. इसके लागू के साथ ही इसके विरोध भी शुरु हो गए हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिन वादी ने इस कानून के खिलाफ सोमवार को राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में आक्रोशपूर्ण प्रतिवाद मार्च निकाला. शहीदे आजम भगत सिंह चौक पर सभा में को संबोधित करते हुए भाकपा माले राज्य कमेटी के सदस्य रामबली प्रसाद ने कहा कि देश की नरेंद्र मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए कानून से खिलवाड़ कर रही है. नए कानून में पुलिस को ज्यादा ताकतवर बनाया गया है ताकि गरीब आम जनता किसान मजदूर भाइयों पर दमनकारी नीति के जरिए जेल में डाला जा सके.
नए कानून के दर्ज हुआ पटना में पहला मामला
इधर पटना पुलिस ने नए कानून के तहत पटना में पहला केस दर्ज हुआ है. नए कानून के तहत बाढ़ में मारपीट का मामला दर्ज किया.नए कानून को लेकर पटना के ग्रामीण और सिटी एसपी सेंट्रल ने विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब आईपीसी को रिप्लेस कर दिया गया है.अब भारतीय न्याय संहिता में केस दर्ज होगा. जो भी घटना हो रही है सभी थानों ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है. पुलिसकर्मियों को इसको लेकर ट्रेनिंग में दे दी गई है. पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने का मकसद इनको नए कानून को लेकर पहले से जागरूक करना है.
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क्या बदला है…
ये नया कानून अपराध और सजा से जुड़े हैं. नया कानून पुराने IPC की जगह BNS, BNSS और BSA लागू होंगे. इससे घटना की जांच जल्दी होगी और अपराधों की सजा में भी बदलाव होगा. भारतीय न्याय संहिता (BNS) पुराने IPC की जगह लेगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) CRPC की जगह लेगा। और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) की जगह लेगा।