बिहार: व्यवसाय में पूंजी बनी बाधक,तो शौक को बनाया पेशा, पढ़ें राज्य की पहली महिला कैब ड्राइवर की कहानी
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में राज्य की पहली महिला कैब ड्राइवर तमाम महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं. जिले के अनीसाबाद में रहने वाली कैब ड्राइवर अर्चना पांडेय ने आत्मनिर्भरता की एक मिशाल पेश की है. यह चार बच्चों की मां हैं .
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में राज्य की पहली महिला कैब ड्राइवर तमाम महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं. जिले के अनीसाबाद में रहने वाली कैब ड्राइवर अर्चना पांडेय ने आत्मनिर्भरता की एक मिशाल पेश की है. अर्चना चार बच्चों की मां हैं . इन्होंने पहले निजी क्षेत्र में नौकरी की, फिर बिजनेस और इसके बाद अंत में अपने शौक को अपनी आजीविका का साथी बनाया. समाज के तानों और अपने बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा देने के सपने ने उनके हिम्मत और विश्वास को जिंदा रखा. ड्राइविंग के शौक ने अर्चना को एक नयी पहचान दिलवाई.
कम उम्र में हो गई थी शादी
अर्चना बताती है कि उनकी शादी कम उम्र में ही हो गई थी. उन्होनें बताया कि कुछ घरेलू कारण और कुछ ऐसी परिस्थिति आई की अर्चना को एक निजी क्षेत्र में नौकरी करनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने मसाले के बिजनेस की शुरुआत की. लेकिन, उस बिजनेस को चलाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होने के कारण अर्चना के बिजनेस पर भी आफत आ गई और साथ ही उसके बच्चों के पढ़ाई-लिखाई में भी दिक्कत हो रही थी. इस परिस्थिति में अर्चना ने अपने ड्राइविंग के शौक को अपना हथियार बनाया और बिहार की पहली कैब ड्राइवर बन गई.
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लोगों के तानों ने किया मजबूत
अर्चना के अनुसार उन्हें ड्राइविंग को लेकर काफी लोगों के तानों को सहना पड़ता था. लेकिन, इन बातों से डरने के बजाय वह और मजबूत हो गई. अर्चना बिहार से झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और नेपाल तक की यात्रा कर चुकी हैं. साथ ही वह बताती है कि अगर किसी महिला को कोई सहयोग की जरूरत है, तो उन्हें निश्चित रूप से सहयोग करेगी. इनका मानना है कि महिलाओं को जिस क्षेत्र में हुनर है, वह उसी क्षेत्र में आगे आकर आत्मनिर्भर बनें और इस समाज में अपने स्वाभिमान का लोहा मनवाए. बता देंं कि आज हर कोई अर्चना के इस हिम्मत को सलाम कर रहा है.