बिहार में फिर बढ़ी बाढ़ की चिंता, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचा, चेतावनी जारी
Bihar News: बिहार में बाढ़ ने फिर एक बार लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है. दूसरे राज्य में और नेपाल में मानसून सीजन में हुई बारिश के कारण नदियां उफान पर है. इस कारण चिंता बढ़ चुकी है. प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है.
Bihar News: बिहार में बाढ़ ने फिर एक बार लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है. नेपाल में मानसून सीजन में हुई बारिश के कारण नदियां उफान पर है. इस कारण लोगों की चिंता बढ़ चुकी है. इधर, प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए चेतावनी दी गई है. घाटों को अलर्ट किया गया है और विशेष सर्तकता बरती जा रही है. भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 2.53 मीटर दूर है. जिले की दो प्रमुख नदियां गंगा व कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा. गंगा के जलस्तर में 16 सेमी की वृद्धि हुई.
नदी के तट पर कटाव तेज
वहीं, कोसी नदी का जलस्तर 11 सेमी बढ़ा है. जलसंसाधन विभाग पटना द्वारा जारी फॉरकास्ट के अनुसार दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर 31.15 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 33.68 मीटर से 2.53 मीटर दूर है. वहीं जिले की नवगछिया सीमा पर स्थित कुरसेला पुल के पास कोसी नदी का जलस्तर शनिवार को 28.52 मीटर रहा. कोसी नदी खतरे के निशान 30 मीटर से फिलहाल 1.48 मीटर दूर है. इधर, भागलपुर शहर के गंगा घाटों पर नदी की तेज धार बह रही है. पानी धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता जा रहा है. गंगा नदी के बीचों बीच स्थित दियारा पर पानी तेज से फैल रहा है. इस कारण पशुपालकों को अपने मवेशियों के लिए चारा जुटाने में परेशानी बढ़ने लगी है. वहीं दियारे पर लगी सब्जियों की फसल भी जलमग्न हो रही है. शहर से सटे नाथनगर व सबौर के गंगा तटों पर कटाव भी तेजी से हो रहा है.
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बारिश को लेकर भी मौसम विभाग का अलर्ट
इधर, बिहार में भारी बारिश को लेकर भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा में चक्रवाती सिस्टम बनने से बिहार व झारखंड में बारिश की गतिविधियां बढ़ने के आसार हैं. जिले में 30 जुलाई से दो अगस्त के बीच आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. 30 जुलाई से दो अगस्त के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इस दौरान पूर्वा हवा चलती रहेगी, हवा की औसत गति 10 से 16 किलोमीटर प्रतिघंटे रह सकती है. जिले का तापमान सामान्य बना रहेगा, साथ ही उमस रह सकता है. शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 33.4 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. 11 किमी प्रतिघंटे की गति से पूर्व दिशा से हवा चलती रही. बीएयू के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार के अनुसार किसान इस दौरान सब्जियों में सिंचाई रोक सकते हैं, धान की रोपाई की तैयारी शुरू करें. बता दें कि बीते 15 दिनों से बारिश नहीं होने से धान की तैयारी में लगे किसान परेशान हैं.
पिछले 24 घंटे में अररिया में 133.0 एमएम, रामनगर में 115.4 एमएम, किशनगंज में 114.0, अररिया के जोकीघाट में 84.6 एमएम, पश्चिम चंपारण के गौनाहा में 67.4 एमएम और किशनगंज के दिघलबैंक में 98.4 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. साथ ही अधिकतम तापमान वैशाली में 38.9 डिग्री और किशनगंज में 25.5 डिग्री दर्ज किया गया है. लेकिन, अगले पांच दिनों के पूर्वानुमान के बाद राज्य में अधिकतम तापमान में गिरावट होगी. पटना सहित सभी जिलों में मौसम बदलेगा और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी.
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गंडक खतरे के निशान तक पहुंची
इधर, गोपालगंज में गंडक खतरे के निशान तक पहुंच गयी है. बताया जा रहा है कि यूपी समेत पश्चिमी भारत के विभिन्न राज्यों में हो रही बारिश के कारण अगले कुछ दिनों में जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में एक लाख 24 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इस कारण, जल स्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. गंडक नदी का जल स्तर डेंजर लेवल के करीब पहुंच गया है. बताया जाता है कि नेपाल में बारिश थमी है, जिसके कारण नदी के जल स्तर में कमी आने लगी है. गंडक नदी का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया था. हालांकि बाद में धीरे-धीरे घटने लगा है.
तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. हालांकि, नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है. कटिहार जिले की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. जलस्तर में वृद्धि होने से लोग बाढ़ व कटाव को लेकर दहशत में हैं.