Bihar flood: भागलपुर में लगातार बढ़ रहा गंगा नदी काजलस्तर, कटाव से दहशत में हैं लोग

भागलपुर के नीचले इलाकों सखीचंद घाट, नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी ऊपर चढ़ने लगा है. इस क्षेत्र के लोगों का भय बढ़ता जा रहा है कि कहीं और पानी आयेगा तो उन्हें अपना क्षेत्र खाली करना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2022 4:46 AM

भागलपुर: एक ओर जहां बारिश नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. रविवार को जलस्तर बढ़ने से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर, मानिक सरकार घाट, दीपनगर के समीप झुग्गी बस्ती, बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे मशानी काली परिसर एवं पार्क में गंगा के पानी का स्तर बढ़ गया. इतना ही नहीं निचले इलाकों सखीचंद घाट, नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्रों में पानी ऊपर चढ़ने लगा है. इस क्षेत्र के लोगों का भय बढ़ता जा रहा है कि कहीं और पानी आयेगा तो उन्हें अपना क्षेत्र खाली करना पड़ेगा.

ऊंचे जगहों की शरण ले रहे लोग

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, बूढ़ानाथ मंदिर व मान मंदिर परिसर में बाढ़ पीड़ित शरण लेने लगे हैं. उन्हें अपने से अधिक मवेशियों की चिंता अधिक सता रही है कि उनके लिए चारा व अन्य सामग्री कहां से जुटायेंगे. बता दें की बाढ़ का पानी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर, सखीचंद घाट, भूतनाथ मंदिर के पास, बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे तक पहुंच गया है.

कुप्पाघाट में कटाव का खतरा

गंगा में जलस्तर बढ़ने से कुप्पाघाट आश्रम के पूर्वी व पश्चिमी छोर पर कटाव शुरू हो गया है. आश्रम के गंगा किनारे के क्षेत्र में कटाव को रोकने के लिए निर्माण कार्य कराया गया था. कुप्पाघाट आश्रम के पंकज बाबा, संजय बाबा, रमेश बाबा ने बताया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पिछले साल आश्रम दर्शन के लिए पधारे थे और गंगा कटाव से आश्रम को सुरक्षित करने का आश्वासन दिया था. इससे पहले भी यहां पर बालू, पत्थर व अन्य चीजों से गंगा कटाव रोकने के निर्देश मिले थे, लेकिन केवल मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया. इससे देकुप्पाघाट आश्रम पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है.

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