Bihar News: पूर्व केंद्रीय मंत्री (Former Central Minister) और भाजपा विधान पार्षद (BJP MLC) प्रो. संजय पासवान (Sanjay Paswan) बिहार सरकार (Bihar Govt) के ब्यूरोक्रेटों (Bihar Bureaucrats) से खासे नाराज हैं. सोमवार को पटना के एक होटल में आयोजित सीड संस्था के कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि बिहार में पढ़े-लिखे मंत्रियों के बावजूद ब्यूरोक्रेसी (bureaucracy) कुछ ज्यादा ही हावी है.
कहा कि राज्य के 10 अफसर ऐसे हैं, जिनको गुमान है कि बिहार वही चला रहे हैं. यह सच भी है. वह किसी से मिलते तक नहीं. सभी मंत्रियों को बेकार समझते हैं. पढ़े-लिखे मंत्री भी इससे घिरे हुए हैं. ब्यूरोक्रेसी में शामिल लोग परीक्षा पास कर ही सोचते हैं कि हम सब कुछ जान गये हैं. अपने सामने किसी को कुछ समझते तक नहीं है. इस सिस्टम को तोड़ना होगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, बिहार में मंत्री से मिलना आसान है, लेकिन अधिकारियों से मिलना बहुत मुश्किल है. बिहार की ब्यूरोक्रेसी को एक्टिव और वाइब्रेंट बनाने की जरूरत है. मंत्री और मुख्यमंत्री से ही ऐसा होगा. जरूरत है कि देश भर के चुनिंदा अच्छे अधिकारियों को बुला कर उनके साथ ऐसे अधिकारियों की वर्कशॉप करायी जाये.
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जनप्रतिनिधियों के कोटे से होने वाले काम की गुणवत्ता व कमीशनखोरी को लेकर भी भाजपा विधान पार्षद ने सवाल उठाया. कहा कि सोलर सिस्टम काफी अच्छा प्रयास है. इसी को लेकर मैंने अपने कोटे से सोलर प्लेट लगवाया. मगर 12 हजार रुपये का यह सोलर प्लेट मेरे कोष से 30 हजार रुपये में लगाने का प्रस्ताव मिला.
पूछने पर बताया गया कि इसमें अधिकारी का इतना, आपका इतना, लोकल का इतना हिस्सा होगा. ऐसे में अच्छे प्रयास भी बेकार हो जाते हैं. उन्होंने बीआइए के अध्यक्ष रामलाल खेतान से आग्रह किया कि आप लोग भी ऐसी गड़बड़ियों को चिह्नित कर हमारे व सरकार के समक्ष लाएं, ताकि अच्छी चीजों को विस्तार मिल सके. इस्तेमाल करने वाले अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्ता युक्त सामग्री पहुंचे, इसके लिए मैं खुद सभी एमपी-एमएलए को प्रोत्साहित करूंगा.
Posted By: Utpal kant