किशनगंज जिला के 19 स्कूलों में बिना आदेश के शुक्रवार को अवकाश मिल रहा है और रविवार को बच्चों की पढाई होती है. अधिकारियों का कहना है की अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण स्कूलों में शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने के लिए छुट्टी दी जाती है.
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा मंत्री विजय कुमार सिंह का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी से ऐसे स्कूलों की जानकारी ली जाएगी . बता दें कि झारखंड की तरह बिहार में भी शुक्रवार को मजहबी कारणों से बंद रहते हैं कई स्कूल. किशनगंज के 19 स्कूलों में बिना किसी आदेश के रविवार पढ़ाई हो रही है।
स्कूल के स्थापना से ही यह नियम
प्रिंसिपल झरना बाला साहा ने बताया कि यहां शुक्रवार को नमाज अदा करने के नाम पर छुट्टी रहती है.जबकि रविवार को पढ़ाई होती है. विद्दालय की स्थापना के बाद से ही यहां यह नियम चल रहा है. लाइन उर्दू मध्य स्कूलों की स्थापना 1901 में हुई है. इस मामले स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक बात करने के लिए तैयार नहीं थे तो जहां ये स्कूल हैं वहां के ग्रामीण भी इसपर कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं.
शिक्षा पदाधिकारी ने कहा ये पुरानी परंपरा है
वहीं इस मामले में किशनगंज के शिक्षा पदाधिकारी ने भी पुरानी परंपरा होने की बात कही.उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को पढ़ाई के संबंध में कोई सरकारी आदेश नहीं है.उन्होंने कहा शुक्रवार को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए वरीय अधिकारियों से बात की जाए.
शिक्षा विभाग का क्या है मानना
इस पर शिक्षा विभाग का मानना है कि मुस्लिम बहुल इलाका होने और स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या ज्यादा होने की वजह से शुरू से यह परंपरा चली आ रही है.किशनगंज के ये सभी 19 स्कूल,उर्दू स्कूल या मदरसा नहीं हैं बल्कि सामान्य स्कूल हैं.शक्रवार को स्कूल बंद रहने के बावत लाइन उर्दू मध्य विद्यालय की प्रिंसिपल झरना बाला साहा ने कहा कि यहां स्कूल की स्थापना के बाद से ही शुक्रवार को अवकाश रहता है.